NEET-SS : सुप्रीम कोर्ट ने इस साल NEET-SS 2024 आयोजित करने की मांग वाली याचिका खारिज की

Update: 2024-08-14 11:43 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (14 अगस्त) को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) द्वारा इस साल NEET- सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा (NEET-SS) 2024 आयोजित न करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की।

संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत तेरह डॉक्टरों द्वारा याचिका दायर की गई थी।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने पाया कि नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) द्वारा दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि NEET-SS देने वाले कम से कम 40% स्टूडेंट तत्काल पूर्ववर्ती बैच से हैं। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता, जो पहले भी NEET-SS में उपस्थित हो चुके हैं, अगर परीक्षा अगले साल के लिए टाल दी जाती है तो इससे कोई पूर्वाग्रह नहीं होगा। हालांकि, अगर इस साल परीक्षा आयोजित की जाती है तो 2021 के पोस्ट ग्रेजुएट बैच के स्टूडेंट, जो जनवरी 2025 में ही अपना पाठ्यक्रम पूरा करेंगे, अपना मौका खो देंगे।

इसलिए पीठ ने कहा कि NMC का निर्णय "काफी न्यायसंगत" है। इसे "मनमाना" नहीं कहा जा सकता। हालांकि पीठ इस बात से सहमत थी कि परीक्षा में देरी से याचिकाकर्ताओं को कुछ कठिनाई होगी, लेकिन ऐसी कठिनाई को NMC द्वारा उठाई गई अन्य चिंताओं के साथ संतुलित किया जाना चाहिए।

साथ ही पीठ ने याचिकाकर्ताओं की प्रार्थना को स्वीकार किया कि NMC को NEET-SS 2024 परीक्षा के लिए कार्यक्रम निर्धारित करने पर जल्द निर्णय लेना चाहिए। पीठ ने आदेश दिया कि कार्यक्रम की घोषणा आज से तीस दिनों की अवधि के भीतर की जानी चाहिए, जिसमें जनवरी 2025 में अपने पीजी पाठ्यक्रम पूरा करने वाले स्टूडेंट की संख्या को भी शामिल किया जाना चाहिए। पीठ ने आगे निर्देश दिया कि परीक्षा जनवरी 2025 से तीन महीने के भीतर आयोजित की जाए।

NMC के अनुसार, NEET-SS 2024 परीक्षा आयोजित नहीं करने का कारण 2021 शैक्षणिक वर्ष में NEET-PG परीक्षा के माध्यम से MD, MS और DMB पाठ्यक्रमों के लिए विलंबित एडमिशन है। COVID-19 के कारण ये एडमिशन जनवरी 2022 से मई 2022 तक आयोजित किए गए, जिससे पाठ्यक्रम पूरा होने की तिथि जनवरी 2025 तक बढ़ गई। NMC ने इन स्टूडेंट को समायोजित करने के लिए NEET-SS 2024 परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लिया।

याचिकाकर्ताओं की वकील एडवोकेट रश्मि नंदकुमार ने प्रस्तुत किया कि SS पाठ्यक्रम में शामिल होने वाले केवल 40% स्टूडेंट तत्काल पूर्ववर्ती पीजी बैच से हैं। इसलिए 2021 पीजी बैच के विलंबित एडमिशन का हवाला देते हुए इस वर्ष NEET-SS आयोजित न करने का निर्णय मनमाना है, क्योंकि इससे शेष 60% स्टूडेंट अपने अवसर से वंचित हो जाएंगे।

NMC के वकील एडवोकेट गौरव शर्मा ने कहा कि यदि इस वर्ष NEET-SS आयोजित किया जाता है तो 2021 पीजी बैच के स्टूडेंट अपने अवसर खो देंगे।

केस टाइटल: राहुल बलवान बनाम यूनियन ऑफ इंडिया डायरी नंबर- 29216/2024

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