Mukhtar Ansari Death | 'उनके खाने में जहर मिलाया गया और इलाज नहीं दिया गया': बेटे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, जांच की मांग की
दिवंगत गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने आज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आरोप लगाया कि उनके पिता को जेल में जहर दिया गया और जरूरी इलाज न दिए जाने के कारण उनकी मौत हो गई।
जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ के समक्ष यह मामला था, जिसने सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल (उमर अंसारी के लिए) की सुनवाई के बाद मुख्य रिट याचिका में की गई प्रार्थना में संशोधन की मांग करने वाले आवेदन पर नोटिस जारी किया।
मुख्य रिट याचिका 2023 में दायर की गई, जिसमें मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश की जेल से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की गई, जहां उन्हें इस आशंका के चलते रखा गया कि उनकी हत्या कर दी जाएगी।
सुनवाई की शुरुआत में सिब्बल ने कहा,
"हम बस इतना ही कह सकते हैं, जिस बात का हमें डर था, वही हुआ। उस व्यक्ति को वापस जेल भेज दिया गया। यह बहुत ही चौंकाने वाला है।"
उनकी बात सुनते हुए जस्टिस रॉय ने कहा,
"हम उसे वापस नहीं ला सकते, मिस्टर सिब्बल...आप यह अच्छी तरह जानते हैं। आप मुठभेड़ जैसी स्थिति की आशंका कर रहे थे।"
इसके बाद सिब्बल ने दलील दी कि मुख्तार अंसारी को वापस जेल भेजे जाने और आईसीयू में उसकी मौत होने के बाद कुछ जांच की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा,
"देश में इंसानों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जा सकता।"
उन्होंने अदालत का ध्यान उमर अंसारी की अपने पिता के साथ हुई आखिरी बातचीत की ओर आकर्षित किया। सीनियर वकील ने यह भी आरोप लगाया कि जेल में मुख्तार अंसारी को दिया गया खाना जहरीला था और यही उसकी मौत का कारण बना।
दूसरी ओर, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने तर्क दिया कि याचिका शुरू में सीमित उद्देश्य (मुख्तार अंसारी के स्थानांतरण और संरक्षण की मांग) के लिए दायर की गई। जो भी हो, उन्होंने अनुरोध किया और संशोधन की मांग करने वाली अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए उन्हें 4 सप्ताह का समय दिया गया। वकीलों की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने उमर अंसारी की अर्जी पर नोटिस जारी किया।
इसने सिब्बल की दलील दर्ज की कि मुख्तार अंसारी को "जेल में अपेक्षित मेडिकल उपचार से वंचित रखा गया।"
उनके बेटे के अनुसार, "इससे हिरासत में मौत हो गई।"
सिब्बल के अनुरोध पर, खंडपीठ ने आदेश में यह भी दर्ज किया,
"सीनियर वकील के अनुसार, यह कोई साधारण मौत नहीं थी, बल्कि जेल अधिकारियों द्वारा की गई विशिष्ट कार्रवाई का परिणाम थी।"
केस टाइटल: उमर अंसारी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य, डब्ल्यू.पी. (सीआरएल.) नंबर 629/2023