विवाह समानता पर पुनर्विचार याचिकाओं की ओपन कोर्ट में हो सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट से अनुमति देने का आग्रह

Update: 2024-07-09 07:39 GMT

'विवाह समानता' निर्णय पर पुनर्विचार की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका की ओपन कोर्ट में सुनवाई करने का अनुरोध किया।

पुनर्विचार याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट एनके कौल ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से पुनर्विचार याचिका की सुनवाई चैंबर के बजाय ओपन कोर्ट में करने की संभावना पर अनुरोध किया, क्योंकि यह मामला बड़े जनहित से जुड़ा है।

कहा गया,

"हम विनम्रतापूर्वक अनुरोध करेंगे कि क्या माननीय सदस्य इस बात पर विचार करेंगे कि जनहित में ये सुनवाई ओपन कोर्ट में हो सकती है, मेरे लॉर्ड?"

हालांकि, सीजेआई ने कहा कि परंपरागत रूप से पुनर्विचार याचिकाएं केवल चैंबर में ही होती हैं।

गौरतलब है कि 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट सुप्रियो बनाम भारत संघ में अपने पहले के निर्णय पर पुनर्विचार करने वाला है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को कानून में वैध मानने से इनकार किया था।

उल्लेखनीय है कि पुनर्विचार याचिकाओं पर नई पीठ द्वारा विचार किया जाएगा, क्योंकि फैसला सुनाने वाली 5 जजों वाली पीठ के दो जज- जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एस रवींद्र भट- रिटायर हो चुके हैं।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीवी नागरत्ना पीठ के रिटायर सदस्यों की जगह लेंगे।

अन्य चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा हैं।

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