सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के 19000 से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को बेदखली से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया

Update: 2025-03-20 08:05 GMT
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के 19000 से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को बेदखली से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में महाराष्ट्र के पुणे के पास पिंपरी-चिंचवाड़ में 19000 से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स को बेदखली से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया।

कोर्ट ने कहा कि जब तक स्ट्रीट वेंडर्स (आजीविका संरक्षण और स्ट्रीट वेंडिंग विनियमन) अधिनियम 2014 के अनुसार हॉकिंग और नॉन-हॉकिंग क्षेत्रों की पहचान/अधिसूचना करने का काम नहीं हो जाता, तब तक यथास्थिति बनाए रखी जाए और हॉकर्स को उनके विक्रय स्थल से बेदखल न किया जाए।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा,

"प्रतिवादी-पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम की ओर से पेश हुए वकील द्वारा बताए गए 19792 स्ट्रीट-वेंडर्स या 14000 से अधिक स्ट्रीट-वेंडर्स को समायोजित करने की कवायद जारी है। जब तक यह कवायद पूरी नहीं हो जाती, तब तक पक्षकार स्ट्रीट-वेंडर्स के कब्जे और कामकाज के संबंध में यथास्थिति बनाए रखेंगे।"

कथित तौर पर न्यायालय ने मौखिक रूप से यह भी कहा कि फेरीवालों के साथ सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए। उन्हें अवैध रूप से बेदखल नहीं किया जा सकता।

संक्षेप में मामला

अक्टूबर, 2023 में प्रतिवादी नंबर 1-निगम ने स्ट्रीट वेंडर्स अधिनियम के तहत इस कवायद को पूरा करने के लिए कम से कम 6 सप्ताह का समय मांगा था।

एक साल बाद सितंबर में निगम ने सूचित किया कि स्ट्रीट वेंडर्स की अंतिम सूची (07.02.2024 को), जिसमें 19,792 स्ट्रीट वेंडर्स शामिल हैं, तैयार थी।हालांकि, वित्तीय बाधाओं और सीमित संसाधनों के कारण सभी 19,792 स्ट्रीट वेंडर्स को समायोजित करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता थी।

हाल ही में यह देखते हुए कि निगम द्वारा यह अभ्यास अभी भी जारी है, न्यायालय ने निर्देश दिया कि जब तक यह अभ्यास पूरा नहीं हो जाता, तब तक स्ट्रीट वेंडर्स के कब्जे और कामकाज के संबंध में यथास्थिति बनाए रखी जाए।

केस टाइटल: महाराष्ट्र फेरीवाला क्रांति महासंघ बनाम पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम और अन्य, एसएलपी (सी) संख्या 5144/2023

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