AIBE : अखिल भारतीय बार परीक्षा से फाइनल ईयर लॉ स्टूडेंट को रोकने वाली BCI अधिसूचना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

Update: 2024-09-12 04:22 GMT

अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) के लिए पात्रता के संबंध में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) की हालिया अधिसूचना को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की गई, जिसमें फाइनल ईयर (लास्ट सेमेस्टर) के लॉ स्टूडेंट को 24 नवंबर, 2024 को निर्धारित आगामी AIBE-XIX के लिए रजिस्ट्रेशन करने और उसमें शामिल होने से रोक दिया गया।

यह याचिका दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर और लॉ सेंटर में 3 वर्षीय एलएलबी प्रोग्राम के अंतिम वर्ष के 9 विधि छात्रों द्वारा दायर की गई।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने शुक्रवार, 13 सितंबर को मामले पर विचार करेगी।

याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि विवादित अधिसूचना बार काउंसिल ऑफ इंडिया बनाम बोनी एफओआई लॉ कॉलेज में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत है, जहां संविधान पीठ ने कहा था कि फाइनल सेमेस्टर के स्टूडेंट को AIBE (अपनी लॉ डिग्री उत्तीर्ण करने के अधीन) में बैठने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसने BCI को वर्ष में दो बार परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया।

अपनी याचिका में याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि अधिसूचना उन्हें आगामी AIBE में उपस्थित होने से रोकती है, जिससे उनके पेशेवर करियर को आगे बढ़ाने में उनका बहुमूल्य समय बर्बाद होता है। अधिसूचना मनमाना और अनुचित है, क्योंकि यह यूनिवर्सिटी के अलग-अलग शेड्यूल को नजरअंदाज करती है, जो उनके परिणाम घोषित कर रहे हैं और उन स्टूडेंट पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है जिनके परिणाम घोषित होने में देरी होती है।

याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई मुख्य राहत में शामिल हैं: (1) BCI अधिसूचना रद्द करना; (2) फाइनल सेमेस्टर के स्टूडेंट को आगामी परीक्षा में उपस्थित होने की अनुमति देने का निर्देश और (3) विवादित अधिसूचना पर अंतरिम रोक।

याचिका एओआर ए वेलन और एडवोकेट नवप्रीत कौर की सहायता से दायर की गई।

केस टाइटल: निलय राय और अन्य बनाम बार काउंसिल ऑफ इंडिया | डब्ल्यू.पी.(सी) नंबर 577/2024

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