कोचिंग सेंटर्स में 14 आत्महत्याएं, फिर भी नहीं बना कानून: राजस्थान हाईकोर्ट ने जताई कड़ी नाराज़गी

Update: 2025-05-19 07:47 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट ने कोटा सहित अन्य कोचिंग संस्थानों में बढ़ती स्टूडेंट आत्महत्याओं पर गंभीर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि साल 2025 में अब तक 14 स्टूडेंट आत्महत्या कर चुके हैं लेकिन राज्य सरकार ने 2016 से लंबित जनहित याचिका के बावजूद कोई कानून नहीं बनाया।

चीफ जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस मुकेश राजपुरोहित की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि कोर्ट ने बार-बार दिशा-निर्देश जारी कर स्थिति सुधारने का प्रयास किया, फिर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

प्रतिवादी कोचिंग संस्थान की ओर से यह दलील दी गई कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मुद्दे पर संज्ञान लिया है और 23 मई, 2025 को सुनवाई होनी है। इसलिए राज्य सरकार को अंतरिम गाइडलाइंस लागू करने के निर्देश फिलहाल ना दिए जाएं.

कोर्ट ने इस आधार पर अंतरिम आदेश फिलहाल टालते हुए कहा,

"स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हम आज ही विस्तृत आदेश जारी करने की मंशा रखते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया है और प्रतिवादी वहां याचिका स्थानांतरित कराने की बात कर रहे हैं, इसलिए हम आदेश पारित करने से फिलहाल विरत रहते हैं।"

मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की गई।

केस टाइटल: स्वप्रेरित बनाम राजस्थान राज्य व अन्य संबंधित याचिकाएं

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