राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता की प्रेग्नेंसी टर्मिनेट करने की अनुमति दी
राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीडि़ता की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उसके गर्भ समापन की अनुमति दी है।
जस्टिस दिनेश मेहता की एकलपीठ ने अतिआवश्यक प्रकरण के रूप में याचिका की सुनवाई करते हुए राजकीय अस्पताल, सिरोही के अधीक्षक को तीन दिन में याचिकाकर्ता के प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन की कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए वकील मनीष व्यास ने कहा कि याचिकाकर्ता दुष्कर्म की शिकारहै। सुरक्षित टर्मिनेशन के सम्बन्ध में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रग्नेंसी संशोधन अधिनियम, 2021 के संदर्भ में 24 सप्ताह से अधिक के प्रेग्नेंसी होने पर प्रेग्नेंसी टर्मिनेट की कार्यवाही मेडिकल बोर्ड के मेडिकल टेस्ट के बाद हाईकोर्ट के आदेशानुसार ही की जानी अपेक्षित है।
हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित मेडिकल बोर्ड ने याचिकाकर्ता के 26 सप्ताह के गर्भ को समाप्त किए जा सकने की रिपोर्ट दी है।
जस्टिस दिनेश मेहता ने जिस पर सुनवाई के बाद मेडिकल अधिकारियों को तीन दिन में याचिकाकर्ता के प्रेग्नेंसी टर्मिनेटन करने के निर्देश देते हुए याचिका का निपटारा किया।
रजाक खान हैदर @ लाइव लॉ नेटवर्क