कांस्टेबल ने 4 दिन तक जब्त अफीम अवैध रूप से रखी अपने पास, हाईकोर्ट ने FIR रद्द करने से किया इनकार

Update: 2025-05-20 07:13 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट ने NDPS Act के तहत आरोपी पुलिस कांस्टेबल की FIR रद्द करने की याचिका खारिज कर दी, जिसने एक वाहन से बरामद की गई अफीम को चार दिन तक अवैध रूप से अपने पास रखा।

जस्टिस फर्जंद अली ने इस मामले को कानून लागू करने वाली एजेंसी के सदस्यों द्वारा शक्ति के दुरुपयोग और अवैध गतिविधियों का एक अनोखा उदाहरण करार दिया। कोर्ट ने कहा कि कानून के तहत किसी भी प्रकार का प्राधिकरण या लाइसेंस होने के बावजूद मादक पदार्थ का कब्जे में होना स्वयं में एक अपराध है।

याचिकाकर्ता कांस्टेबल और उसका सहकर्मी (सह-आरोपी) एक वाहन को रोक कर उससे अफीम बरामद करते हैं लेकिन इसकी जानकारी चार दिन बाद ही पुलिस थाने में दी जाती है और तब जाकर मादक पदार्थ को पेश किया गया।

कोर्ट ने टिप्पणी की कि निष्पक्ष कार्यप्रणाली के तहत बरामदगी की तत्काल रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को देना और पुलिस स्टेशन को सूचित करना आवश्यक होता है।

जांच की परतों से यह संकेत मिला कि परिस्थितियां संदेहास्पद हैं और याचिकाकर्ता की भूमिका अपराध में संलिप्तता की ओर इशारा करती है। अतः गहन जांच की आवश्यकता जताई गई।

कोर्ट ने माना कि अब तक की जांच में पर्याप्त साक्ष्य सामने आए हैं जो आगे की कार्यवाही को उचित ठहराते हैं और FIR रद्द करने का कोई आधार नहीं बनता।

अतः याचिका खारिज कर दी गई।

केस टाइटल: जय सिंह बनाम राजस्थान राज्य एवं अन्य संबंधित याचिकाएं

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