दुकानदार किसी क्षेत्र पर एकाधिकार का दावा नहीं कर सकते: राजस्थान हाईकोर्ट ने नई उचित मूल्य की दुकानें खोलने के खिलाफ याचिकाएं खारिज कीं

Update: 2025-09-15 06:16 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा एक ही क्षेत्र में नई उचित मूल्य की दुकानें (Fair Price Shops- FPS) खोलने के प्रस्ताव को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मौजूदा दुकान मालिक किसी क्षेत्र पर एकाधिकार का दावा नहीं कर सकते।

जस्टिस सुनील बेनिवाल की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि नई FPS खोलना सरकार का नीतिगत निर्णय है। फिर जो लोग 20 साल से FPS चला रहे हैं, वे किसी क्षेत्र पर एकाधिकार का दावा नहीं कर सकते।

अदालत ने आगे कहा कि कुछ FPS में 500 से कम राशन कार्ड धारक हैं, जबकि दूसरों में 500 से अधिक हैं। यह अपने आप में सरकार के प्रस्ताव को भेदभावपूर्ण नहीं बनाता, क्योंकि FPS का मुख्य उद्देश्य व्यवसाय प्रदान करना नहीं, बल्कि हाशिए पर रहने वाले नागरिकों को आवश्यक वस्तुओं का वितरण सुनिश्चित करना है।

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि राज्य सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, उस क्षेत्र में नई FPS नहीं खोली जा सकती, जहां किसी मौजूदा दुकान से जुड़े राशन कार्ड धारकों की संख्या 500 या उससे कम है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने कोई सर्वेक्षण नहीं किया और यह कदम राजनीतिक रूप से प्रेरित है, जो एक स्थानीय विधायक के कहने पर उठाया गया।

इसके विपरीत राज्य सरकार ने दलील दी कि FPS का आवंटन राज्य का विशेषाधिकार है। याचिकाकर्ता किसी विशेष क्षेत्र पर एकाधिकार का दावा नहीं कर सकते। यह भी कहा गया कि विधायक जैसे जन प्रतिनिधि ऐसी सिफारिशें करने के हकदार हैं, लेकिन अंतिम निर्णय हमेशा बड़े जनहित को ध्यान में रखकर लिया जाता है।

दोनों पक्षकारों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने माना कि FPS का आवंटन नीतिगत मामला है, जिसमें राज्य का पूर्ण विवेक होता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जस्टिस वाधवा समिति की रिपोर्ट केवल एक सुझाव मात्र है और कोई सर्वेक्षण न कराना सरकार के निर्णय पर सवाल खड़ा नहीं करता।

इन तर्कों को स्वीकार करते हुए न्यायालय ने याचिकाएं खारिज कीं।

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