राजस्थान हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पुलिस पर गोलीबारी करने वाले आरोपी को जमानत दी

Update: 2024-07-17 12:12 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS Act) के तहत गिरफ्तार आरोपी को जमानत दी। उक्त आरोपी ने गिरफ्तारी के समय पुलिसकर्मियों पर कथित तौर पर गोलीबारी की थी।

आरोप है कि छापेमारी के दौरान जब कमांडो ने आरोपी को घेरना शुरू किया तो गोलीबारी हुई, जिसके परिणामस्वरूप सह-आरोपी की मौत हो गई और आवेदक घायल हो गया। पुलिस ने उनके वाहन से हथियार और पोस्ता पुआल बरामद होने का आरोप लगाया।

आवेदक के वकील ने तर्क दिया कि हथियार और पोस्त की बरामदगी की बात मनगढ़ंत है। उसने घटना के दौरान आवेदक के पास हथियार न होने पर जोर दिया। वकील ने पुलिस के बल प्रयोग पर भी सवाल उठाए और पुलिस कर्मियों में किसी भी तरह की चोट न आने पर प्रकाश डाला, जिससे पता चलता है कि पुलिस ने बल का अत्यधिक प्रयोग किया।

आगे कहा गया कि आवेदक के वाहन से पोस्त बरामद होने का तथ्य एफआईआर में कभी भी उल्लेखित नहीं किया गया।

इसके विपरीत विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि आरोपी का इरादा निश्चित रूप से पुलिस की हत्या करने का था, जो केवल बुलेटप्रूफ जैकेट की वजह से बच गए। आगे तर्क दिया गया कि आवेदक आदतन अपराधी है। उसके खिलाफ बड़ी संख्या में आपराधिक मामले लंबित हैं। इसलिए अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत याचिका खारिज की जानी चाहिए।

जस्टिस राजेंद्र प्रकाश सोनी की पीठ ने इस तथ्य को स्वीकार किया कि घटना के दौरान किसी भी पुलिसकर्मी को कोई हताहत नहीं हुआ, जबकि सह-आरोपी की मौत भागने के दौरान हो गई और आवेदक को चोटें आईं। इसके अलावा, 332 ग्राम की पर्याप्त मात्रा में पोस्त बरामद होने का तथ्य एफआईआर में उल्लेखित नहीं किया गया, जबकि घटना के समय वाहन का निरीक्षण किया गया।

तदनुसार, न्यायालय ने माना कि आवेदक के पास अभियोजन पक्ष के मामले पर सवाल उठाने के लिए पर्याप्त आधार उपलब्ध थे और जमानत आवेदन मंजूर किया गया।

केस टाइटल- कौशल राम बनाम राजस्थान राज्य

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