राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस कर्मचारी के प्रति 'उदासीन रवैये की निंदा की, जिसे लगातार सेवा के बावजूद 1.5 साल से वेतन नहीं मिला

Update: 2025-01-14 10:47 GMT
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस कर्मचारी के प्रति उदासीन रवैये की निंदा की, जिसे लगातार सेवा के बावजूद 1.5 साल से वेतन नहीं मिला

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह राजमाता विजया राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज के प्रमुख सचिव-स्वास्थ्य विभाग, प्रमुख सचिव-मेडिकल शिक्षा विभाग और प्रिंसिपल एवं नियंत्रक को वेतन न दे क्योंकि कॉलेज के कर्मचारी का अप्रैल 2023 से लंबित बकाया अगले महीने तक नहीं चुकाया जाता।

अदालत ने यह बात एक कर्मचारी के संबंध में राज्य अधिकारियों के उदासीन रवैये पर ध्यान देने के बाद कही- जिसे 20 महीने से अधिक समय से वेतन नहीं दिया गया।

जस्टिस दिनेश मेहता याचिकाकर्ता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे- कॉलेज में एक बायो मेडिकल इंजीनियर, जो लगातार सेवा में होने के बावजूद अप्रैल, 2023 से वेतन/मानदेय प्राप्त नहीं कर रहा था।

अदालत ने कहा,

"यह चौंकाने वाली स्थिति है कि याचिकाकर्ता को अप्रैल, 2023 से उसका वेतन/मानदेय नहीं दिया गया, जबकि उसकी सेवाओं का लगातार उपयोग किया जा रहा है।"

पिछली सुनवाई में प्रतिवादी के वकील ने दलील दी थी कि याचिकाकर्ता की सेवाएं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा संचालित की जाती हैं, जिसे मामले में पक्षकार नहीं बनाया गया। याचिकाकर्ता को बकाया भुगतान के संबंध में उनसे ही उचित निर्देश प्राप्त किए जा सकते हैं। उचित प्राधिकार के इस विवाद को सुलझाने के लिए न्यायालय ने मेडिकल स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिवों की संयुक्त बैठक बुलाने का निर्देश दिया था।

10 जनवरी को जब मामले की सुनवाई हुई तो न्यायालय ने 2 जनवरी को हुई बैठक के विवरण का अवलोकन करने के बाद पाया कि यह बैठक मेडिकल शिक्षा विभाग की है और न्यायालय के विशिष्ट निर्देशों के बावजूद मेडिकल एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को आमंत्रित/उपस्थित नहीं किया गया। इस पृष्ठभूमि में न्यायालय ने कहा कि न तो संयुक्त बैठक के विवरण उसके समक्ष रखे गए और न ही वकील यह बताने की स्थिति में थे कि ऐसी कोई बैठक हुई थी या नहीं।

इस आलोक में न्यायालय ने याचिकाकर्ता के लगभग 20 महीने से बकाया बकाया राशि की स्थिति और उसकी शिकायत पर अभी तक ध्यान न दिए जाने और उसका समाधान न किए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया।

इसमें कहा गया,

“पिछले बीस महीनों से अधिक समय से वेतन न मिलने वाले कर्मचारी के प्रति राज्य प्राधिकारियों के उदासीन बल्कि कठोर रवैये पर चिंता व्यक्त करते हुए यह आदेश दिया जाता है कि यदि अगली सुनवाई की तारीख तक याचिकाकर्ता के संपूर्ण बकाया का भुगतान नहीं किया जाता है तो राज्य सरकार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव, मेडिकल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और राजमाता विजया राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज, भीलवाड़ा के प्रिंसिपल एवं नियंत्रक को वेतन वितरित नहीं करेगी।”

तदनुसार याचिका को 7 फरवरी, 2025 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।

टाइटल: राजेश कुमार बनाम राजस्थान राज्य एवं अन्य

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