राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल को उन स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया, जिनके कॉलेज की संबद्धता खारिज कर दी गई

Update: 2024-08-08 07:36 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट ने तिरुपति कॉलेज ऑफ नर्सिंग के स्नातकों को राहत दी, जिन्हें राजस्थान नर्सिंग काउंसिल (RNC) द्वारा उनके कॉलेज की संबद्धता के कारण रजिस्ट्रेशन से वंचित कर दिया गया। तिरुपति कॉलेज ऑफ नर्सिंग को राज्य सरकार से अपेक्षित NOC के अभाव में RNC द्वारा रद्द कर दिया गया।

न्यायालय ने निर्देश दिया कि स्टूडेंट्स ने कॉलेज में तब एडमिशन लिया था, जब इसकी संबद्धता वैध थी, जिसे इन स्टूडेंट्स द्वारा अपना कोर्स पूरा करने के बाद ही रद्द किया गया।

जस्टिस दिनेश मेहता की पीठ कई स्टूडेंट द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने 2017-18 में कॉलेज में प्रवेश लिया, जब कॉलेज के पास RNC के साथ वैध संबद्धता/मान्यता थी। हालांकि इन स्टूडेंट्स का कोर्स पूरा होने के बाद 2021 में कॉलेज की संबद्धता को RNC द्वारा अस्वीकार कर दिया गया, क्योंकि उस संबंध में राज्य सरकार से अपेक्षित NOC गायब थी।

इसलिए कॉलेज से ग्रेजुएट होने के बाद RNC के साथ इन सभी स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन भी रोक दिया गया, जिसके कारण हाईकोर्ट के समक्ष विभिन्न याचिकाएं दायर की गईं।

न्यायालय ने कहा कि RNC द्वारा ही कॉलेज को पहले वैध संबद्धता प्रदान की गई थी, इसलिए 2022 से पहले की अवधि के लिए NOC की आवश्यकता पर जोर देना उसके कार्यों को करने के गलत क्रम को दर्शाएगा।

न्यायालय ने कहा कि उपरोक्त के आधार पर याचिकाकर्ताओं को रजिस्ट्रेशन से वंचित नहीं किया जा सकता, क्योंकि ऐसा करना उन्हें अन्यायपूर्ण तरीके से अपना करियर बनाने से रोकने के समान होगा।

न्यायालय ने कहा,

“इस न्यायालय की राय में संबद्धता स्वयं RNC द्वारा प्रतिवादी नंबर 4 को प्रदान की गई, इसलिए 13.01.2022 से पहले की अवधि के लिए NOC पर जोर देने की आवश्यकता घोड़े के आगे गाड़ी लगाने के समान होगी। इन सभी स्टूडेंट्स ने वर्ष 2017-2018 में एडमिशन लेने के बाद संस्थान प्रतिवादी नंबर 4 में अपना पाठ्यक्रम शुरू किया। उन्होंने सफलतापूर्वक अपना कोर्स पूरा कर लिया। ऐसे स्टूडेंट्स को रजिस्ट्रेशन से वंचित करना और उनके करियर को आगे बढ़ाने के अधिकार को छीनना अन्यायपूर्ण और अन्यायपूर्ण होगा।”

तदनुसार, याचिकाओं को अनुमति दी गई और न्यायालय ने RNC को निर्देश दिया कि वह रजिस्ट्रेशन के लिए याचिकाकर्ताओं के आवेदनों पर कानून के अनुसार 2 महीने के भीतर विचार करे और यदि वे पात्र हों तो उन्हें एनओसी मांगे बिना रजिस्ट्रेशन प्रदान करे।

केस टाइटल- कपिल कुमार लबाना और अन्य बनाम राजस्थान राज्य और अन्य।

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