यह उनका मौलिक अधिकार: राजस्थान हाइकोर्ट ने आसाराम बापू को पुलिस हिरासत में आयुर्वेदिक उपचार लेने की अनुमति दी

Update: 2024-03-22 11:30 GMT

राजस्थान हाइकोर्ट ने गुरुवार को स्वयंभू संत आसाराम बापू को पुलिस हिरासत में जोधपुर के आरोग्यधाम केंद्र में आयुर्वेदिक उपचार लेने की अनुमति दी।

जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने आसाराम द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें कहा गया कि उचित उपचार पाने का अधिकार उनका मौलिक अधिकार है और इसकी रक्षा की जानी चाहिए।

खंडपीठ ने निर्देश दिया,

"इसलिए हम वर्तमान आवेदन का निपटारा करते हुए यह निर्देश देते हैं कि आवेदक का उपचार पुलिस हिरासत में जोधपुर के 'आरोग्यधाम केंद्र' में किया जाएगा। पुलिस आयुक्त या उनके द्वारा नामित अधिकारी को पहले आरोग्यधाम केंद्र का दौरा करना होगा। विशेष रूप से सुरक्षा पहलुओं के संबंध में स्थिति का आकलन करना होगा।"

आसाराम को भर्ती होने की तिथि से दस दिनों तक आरोग्यधाम केंद्र में रखने का निर्देश दिया गया। न्यायालय के आदेश के अनुसार, आसाराम को उपचार का खर्च और आरोग्यधाम केंद्र में तैनात किए जाने वाले सुरक्षाकर्मियों का खर्च स्वयं वहन करना होगा।

असंभवतः कानून और व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण से बाहर होने की स्थिति में न्यायालय ने पुलिस आयुक्त को आसाराम को वापस जोधपुर की सेंट्रल जेल ले जाने की स्वतंत्रता दी। ऐसी स्थिति में पुलिस आयुक्त को इस निर्णय को उचित ठहराने के लिए अपना हलफनामा दाखिल करना होगा।

न्यायालय ने यह भी कहा कि अपेक्षित सुरक्षा व्यवस्था किए जाने के बाद आसाराम को पुलिस हिरासत में आरोग्यधाम केंद्र भेजा जाए। इसके अलावा, पुलिस आयुक्त को आवेदक की सुरक्षा सुनिश्चित करने और आरोग्यधाम केंद्र के आसपास कानून व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए उचित व्यवस्था करने के लिए कहा गया।

उल्लेखनीय है कि 82 वर्षीय आसाराम बापू वर्तमान में राजस्थान की अदालत द्वारा दिए गए दोषसिद्धि के फैसले के तहत सेंट्रल जेल, जोधपुर में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। जनवरी 2023 में उन्हें एक दूसरे बलात्कार मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद गुजरात की अदालत ने भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज करने के बाद आसाराम ने हाईकोर्ट का रुख किया था। उक्त मामले में नाबालिग से बलात्कार के मामले में उन्हें स्वास्थ्य आधार पर सजा के निलंबन की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

हालांकि मामले की योग्यता पर टिप्पणी किए बिना सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आसाराम आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज कराने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र होंगे। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया।

संबंधित समाचार मे राजस्थान हाइकोर्ट ने जनवरी 2024 में आसाराम बापू को 20 दिन की पैरोल देने से इनकार किया था। कोर्ट ने यह तर्क दिया था कि राजस्थान कैदियों की पैरोल पर रिहाई नियम, 2021 के नियम 1(3) के तहत उनके आवेदन स्वीकार नहीं किया जा सकता। साथ ही इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा होने की संभावना भी है।

आसाराम का प्रतिनिधित्व वकील राजेश इनामदार शाश्वत आनंद और आरएस सलूजा ने किया।

केस टाइटल- आशाराम बनाम राजस्थान राज्य

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