राजस्थान हाईकोर्ट ने 'दोहरे दंड' के आधार पर रिटायर कर्मचारी के खिलाफ़ दूसरी चार्जशीट रद्द की

Update: 2025-10-07 09:06 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में रिटायर सरकारी कर्मचारी के खिलाफ़ समान आरोपों पर जारी की गई दूसरी चार्जशीट रद्द की। कोर्ट ने इसे संविधान के अनुच्छेद 20(2) के तहत डबल जियोपार्डी (दोहरा दंड) के सिद्धांत का उल्लंघन माना।

जस्टिस अनूप कुमार ढंड की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ पहले भी इन्हीं आरोपों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई, जिसे 1991 में बंद कर दिया गया। इसके बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के स्पेशल कोर्ट की अदालत से उन्हें 2000 में बरी भी कर दिया गया।

कोर्ट ने कहा कि एक बार जब किसी कर्मचारी के खिलाफ़ अनुशासनात्मक जाँच बंद या समाप्त कर दी जाती है तो यह मामला वहीं ख़त्म हो जाता है। दूसरे, जांच को पुनर्जीवित करने या पुन: शुरू करने के लिए किसी विशिष्ट शक्ति के अभाव में अनुशासनात्मक प्राधिकारी दोबारा जांच शुरू नहीं कर सकता।

न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि तथ्यों के एक ही सेट पर दूसरी चार्जशीट जारी करना अस्वीकार्य है, क्योंकि यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 20(2) से प्रभावित है और दोहरे दंड के समान है।

याचिकाकर्ता पर एक राशि के गबन का आरोप था। विभागीय कार्रवाई के दौरान उन्होंने वह राशि जमा कर दी थी, जिसके परिणामस्वरूप 1991 में विभागीय जांच समाप्त हो गई। आपराधिक अदालत से बरी होने के एक दशक से अधिक समय बाद और याचिकाकर्ता के रिटायर होने के बाद समान आरोपों पर दूसरी चार्जशीट जारी की गई और उनके रिटायरमेंट लाभ रोक दिए गए।

हाईकोर्ट ने पाया कि राज्य के पास समान आरोपों पर दोबारा चार्जशीट जारी करने का कोई वैध कारण नहीं है, खासकर तब जब मामला पहले ही समाप्त कर दिया गया।

कोर्ट ने कहा,

"ऐसा कोई नियम नहीं है, जो यह इंगित करे कि याचिकाकर्ता के खिलाफ़ समान आरोपों पर दूसरी जांच फिर से शुरू की जा सकती है। एक बार जब सभी समान आरोप प्रतिवादियों द्वारा समाप्त कर दिए गए तो प्रतिवादियों द्वारा समान आरोपों पर जारी की गई दूसरी चार्जशीट के आधार पर दूसरी जांच शुरू करना उचित और सक्षम नहीं था।"

तदनुसार, याचिका स्वीकार की गई और दूसरी चार्जशीट रद्द कर दी गई। न्यायालय ने राज्य को याचिकाकर्ता के रिटायरमेंट बकाया को 9% ब्याज दर के साथ जारी करने का निर्देश दिया।

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