अपग्रेड किए गए पदों पर पेंशन लाभ रिटायरमेंट के बाद भी दिए जा सकते हैं: पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट

Update: 2024-12-18 06:24 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने रिटायर पुलिस महानिरीक्षक की पेंशन को अपग्रेड किए गए पुलिस महानिदेशक पद के वेतनमान के आधार पर संशोधित करने का निर्देश दिया।

न्यायालय ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी पद से समय से पहले रिटायरमेंट का विकल्प चुनता है और उसके बाद उक्त पद को अपग्रेड किया जाता है तो भी वह नए अपग्रेड किए गए पद पर दिए जाने वाले पेंशन लाभों का हकदार होगा।

जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा ने कहा,

“इसमें स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया कि जब कोई अधिकारी एक्स-कैडर पद पर नियुक्त होता है तो भी वह कैडर पद के बराबर वेतन, भत्ते और स्थिति का हकदार होता है। इसलिए भले ही वर्तमान अपीलकर्ता उस समय एक्स कैडर पद पर था, जब उसने अपनी स्वैच्छिक रिटायरमेंट मांगी थी। फिर भी जब उपर्युक्त नियमों के अनुसार, वह कैडर पद यानी पुलिस महानिरीक्षक, पंजाब से जुड़े सभी वेतन, भत्ते और स्थिति का हकदार हो गया।"

20 फरवरी 1980 को पंजाब में अकाली सरकार को बर्खास्त कर दिया गया और अपीलकर्ता बी.एस. धनेवाल को महानिरीक्षक के पद से गैर-कैडर पद पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया। पंजाब पुलिस प्रणाली में बड़े बदलाव से पहले 5 जून, 1980 को दानेवालिया ने समय से पहले रिटायरमेंट ले ली।

1982 में दानेवालिया की रिटायरमेंट के बाद पंजाब सरकार ने पुलिस महानिदेशक का पद शुरू किया, जो महानिरीक्षक के पद से उन्नत था। नया पद 16 जुलाई 1982 से प्रभावी हुआ। दानेवालिया से जूनियर अधिकारी को इस पद पर नियुक्त किया गया।

दानेवालिया ने कहा कि यदि वे समय से पहले रिटायर नहीं होते तो 1983 में 58 वर्ष की अपनी सामान्य रिटायरमेंट आयु पर पुलिस महानिदेशक का पद संभालने वाले वे पहले अधिकारी होते। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें उन्नत पद से जुड़े उच्च वेतनमान और लाभ मिलते।

प्रस्तुतियों की जांच करने के बाद न्यायालय ने अगिया राम एवं अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य, 2012 (1) एससीटी 540 पर भरोसा करते हुए कहा,

"सिद्धांत यह है कि जब कोई पद प्रतिस्थापित किया जाता है। यद्यपि पद के उन्नयन की तिथि पर, जो व्यक्ति पहले उस पद को सुशोभित कर रहे थे, जो बाद में उन्नत हो गया, लेकिन रिटायर हो गए, ऐसे प्रतिस्थापन/उन्नयन होने पर फिर भी बाद में उन्नत पद का लाभ उन व्यक्तियों से नहीं छीना जा सकता है, जो पहले संबंधित उपयुक्त पद को सुशोभित कर रहे थे अर्थात पुलिस महानिरीक्षक।"

न्यायालय ने आगे कहा,

"भले ही वर्तमान अपीलकर्ता ने 05.06.1980 को समयपूर्व सेवानिवृत्ति मांगी हो, लेकिन फिर भी यदि उसने समयपूर्व सेवानिवृत्ति नहीं मांगी होती। सामान्य रूप से 03.08.1983 को रिटायर हो जाता तो वह वह तिथि होती, जब पुलिस महानिरीक्षक का पद, जिस पर वह पहले था, बाद में 16.07.1982 को पुलिस महानिदेशक के पद पर पदोन्नत हो गया, जो पुलिस महानिरीक्षक के उक्त पूर्व पद के उन्नयन के पूर्ण लाभकारी प्रभाव के रूप में था, लेकिन प्रथम दृष्टया वर्तमान अपीलकर्ता को सौंपा जाना था, इस तथ्य के बावजूद कि उसने समयपूर्व रिटारमेंट ली थी।”

उपरोक्त के आलोक में लेटर पेटेंट अपील को अनुमति दी गई। न्यायालय ने अधिकारियों को वर्तमान अपीलकर्ता के संबंध में पेंशन लाभ को 01.01.1986 से 6% प्रति वर्ष की दर से ब्याज के साथ फिर से निर्धारित करने का निर्देश दिया।

टाइटल: बी.एस. दानेवालिया (अब मृत) एल.आर. बनाम पंजाब राज्य एवं अन्य के माध्यम से

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