पंजाब में 79,000 FIR की जांच लंबित होना 'चौंकाने वाला': हाईकोर्ट ने DGP से मांगी कार्य योजना
पंजाब में 79,000 FIR की जांच लंबित होने के बावजूद वैधानिक अवधि बीत जाने के बावजूद तार्किक निष्कर्ष का इंतजार कर रही है, इस चौंकाने वाले आंकड़े पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) से दो सप्ताह के भीतर कार्ययोजना मांगी।
जस्टिस संदीप मौदगिल ने कहा,
"राज्य को दो सप्ताह के भीतर कार्ययोजना प्रस्तुत करने के लिए कहा जाता है, जिसमें FIR की तारीख, जांच पूरी करने के लिए न्यायालय द्वारा निर्धारित समय और इसे समाप्त करने के लिए प्रस्तावित समय सीमा दर्शाई जाएगी। उक्त जानकारी पुलिस महानिदेशक, पंजाब के हलफनामे के माध्यम से प्रस्तुत की जाएगी।"
ये टिप्पणियां सराज द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए की गईं, जिसमें उनकी मुख्य याचिका को पुनर्जीवित करने की मांग की गई। इसे सितंबर, 2024 में पंजाब सरकार द्वारा सदर फिरोजपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज हत्या के प्रयास की FIR की जांच एक महीने के भीतर पूरी करने के आश्वासन पर खारिज कर दिया गया था।
कोर्ट के निर्देश के अनुपालन में फिरोजपुर की सीनियर पुलिस अधीक्षक सौम्या मिश्रा ने हलफनामा दायर किया, जिस पर गौर करते हुए हाईकोर्ट ने कहा, “इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं है कि जांच में देरी क्यों हुई और 16 जुलाई, 2021 को दर्ज की गई FIR में अब तक चालान क्यों दाखिल नहीं किया गया।”
जांच में देरी को देखते हुए न्यायालय ने पिछले महीने DGP को पंजाब राज्य में लंबित सभी FIR का ब्यौरा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया, जहां निर्धारित वैधानिक अवधि के भीतर जांच पूरी नहीं हुई।
न्यायालय ने कहा FIR का जिलावार ब्यौरा शामिल था, जिसमें खुलासा हुआ कि राज्य में 10,000 से अधिक FIR अभी भी जांच के लिए लंबित हैं, जबकि जांच एजेंसी को फाइनल रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्धारित 90 दिनों की अवधि बीत चुकी है।
राज्य ने रिकॉर्ड पर यह भी प्रस्तुत किया कि इसी तरह की परिस्थितियों में 79,000 FIR लंबित हैं, जहां अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने की निर्धारित अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है।
मामले को आगे के विचार के लिए 30 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया गया।
केस टाइटल: सराज बनाम पंजाब राज्य और अन्य