Farmers' Protest: पंजाब और हरियाणा में प्रदर्शनकारियों द्वारा कथित तौर पर सड़कें अवरुद्ध करने के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग

Update: 2024-02-13 05:04 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें राज्यों, केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई कि पंजाब और हरियाणा राज्य में पड़ने वाले सभी राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग और रेलवे ट्रैक किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण अवरुद्ध न हों और राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के अनुसार, उक्त आंदोलनकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।

पेशे से वकील अरविंद सेठ ने पंजाब और हरियाणा राज्यों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी निवारक उपाय करने के लिए राज्यों और केंद्र दोनों को निर्देश देने की मांग करते हुए अदालत का रुख किया। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। बड़े पैमाने पर जनता का प्रवाह रोका नहीं गया।

यह प्रस्तुत किया गया,

"आंदोलनकारियों द्वारा गंभीर स्थिति पैदा की गई, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं। हजारों वाहनों के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग स्थायी रूप से अवरुद्ध हो गए हैं। बड़े पैमाने पर जनता उक्त और अनियमित आंदोलनों के कारण पीड़ित है। आंदोलनकारियों द्वारा हजारों वाहनों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर ले जाया गया।''

याचिका में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) बनाम भारत कुमार (1998) मामले पर भरोसा किया गया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था,

"... बंद बुलाने या लागू करने का कोई अधिकार नहीं हो सकता, जो अन्य नागरिकों की स्वतंत्रता के अलावा, मौलिक अभ्यास में हस्तक्षेप करता है। इसस कई तरह से राष्ट्रीय हानि भी होती है।"

केस टाइटल: अरविंद सेठ बनाम पंजाब राज्य एवं अन्य।

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