पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने परिसर में वादियों, वकीलों से पार्किंग फीस वसूलने पर रोक लगाई
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने निषेधाज्ञा जारी करते हुए निर्देश दिया कि उसके परिसर में वाहन पार्क करने वाले किसी भी वादी, एडवोकेट आदि से फीस न लिया जाए।
चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने कहा,
"यह न्यायालय निषेधाज्ञा जारी करता है कि अब से हाईकोर्ट आने वाले किसी भी वादी, कर्मचारी, सरकारी अधिकारी, वकील आदि से कोई पार्किंग फीस नहीं ली जाएगी।"
कोर्ट ने आगे कहा कि इस आदेश का कोई भी उल्लंघन कोर्ट की अवमानना माना जाएगा।
पृथ्वी राज यादव द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां की गईं, जिन्होंने कहा कि पंजाब एंड हरियाणा बार एसोसिएशन द्वारा वकीलों, सरकारी अधिकारियों, वादियों के साथ-साथ इस हाईकोर्ट के कर्मचारियों से उनके वाहनों को हाईकोर्ट परिसर में पार्क करने के लिए पार्किंग फीस ली जा रही है।
कोर्ट में 50 रुपये की पार्किंग रसीद जमा की गई। कोर्ट ने नोट किया कि इसमें भुगतान करने या प्राप्त करने वाले व्यक्ति का नाम नहीं दर्शाया गया।
डिवीजन बेंच ने कहा,
"यूटी-चंडीगढ़ प्रशासन और हाईकोर्ट की अनुमति के बिना हाईकोर्ट परिसर में कोई पार्किंग फीस नहीं ली जा सकती।"
मामले को 08 नवंबर के लिए सूचीबद्ध करते हुए न्यायालय ने पंजाब एंड हरियाणा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, पंजाब एवं हरियाणा दोनों राज्यों के एडवोकेट जनरल तथा पंजाब एवं हरियाणा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष को आदेश से अवगत कराने का निर्देश दिया।
यह जनहित याचिका व्यावसायिक गतिविधियों के लिए हाईकोर्ट परिसर के कथित अवैध अतिक्रमण से भी संबंधित है।
यादव ने तर्क दिया कि अतिक्रमण से पर्यावरण और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है, क्योंकि व्यावसायिक गतिविधियों को अंजाम देने के उद्देश्य से 100 से अधिक स्टील आयरन बॉक्स खुले में पड़े हैं, जिनका उपयोग किसी भी राष्ट्र-विरोधी संगठन द्वारा किसी भी विस्फोटक उपकरण को प्रत्यारोपित करने के लिए आसानी से किया जा सकता है।
केस टाइटल: पृथ्वी राज यादव बनाम पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ एवं अन्य