जजों के लिए आवास की कमी के बीच हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को पंजाब सरकार द्वारा प्रस्तावित मोहाली फ्लैटों की उपयुक्तता का निरीक्षण करने का निर्देश दिया

Update: 2024-12-18 06:09 GMT

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आज रजिस्ट्रार जनरल को यह निरीक्षण करने का निर्देश दिया कि पंजाब सरकार मोहाली में न्यायिक एवं कार्यकारी अधिकारियों के आवास के लिए जो फ्लैट खरीद रही है वे उपयुक्त हैं या नहीं।

चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की खंडपीठ ने कहा,

"पंजाब राज्य ने प्रस्तुत किया कि मोहाली में 167 प्रीमियम फ्लैट खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई, जिससे एसएएस नगर में तैनात न्यायिक एवं कार्यकारी अधिकारियों के आवास के लिए इसे उपलब्ध कराया जा सके। क्या ये फ्लैट अधिकारियों के लिए उपयुक्त हैं, रजिस्ट्रार जनरल को निरीक्षण करने का निर्देश दिया जाता है।"

ये टिप्पणियां जिला बार एसोसिएशन, मलेरकोटला द्वारा पंजाब और हरियाणा में जिला न्यायालयों में स्थान की कमी और न्यायिक अधिकारियों के लिए आवास की कमी से संबंधित दो जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान की गईं।

सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा कि वह हरियाणा के न्यायिक अधिकारियों के आवास के लिए फ्लैट बनाने के लिए जमीन खरीदने की प्रक्रिया में है।

इस दलील से असंतुष्टि जताते हुए चीफ जस्टिस नागू ने मौखिक रूप से कहा,

"नए फ्लैट बनाने में कई साल लगेंगे हरियाणा में न्यायिक अधिकारियों के लिए खाली पड़े घरों की पहचान करें।”

दोनों राज्यों द्वारा प्रस्तुत हलफनामों को रिकॉर्ड पर लेते हुए न्यायालय ने हाईकोर्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील को निर्देश दिया कि वे इसे देखें और कमी को इंगित करें। नवंबर में हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि न्यायिक अधिकारियों के लिए आवास की भारी कमी न्याय प्रशासन की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। खासकर तब, जब सिविल जजों का नया बैच दो महीने के भीतर शामिल होने वाला है।

खंडपीठ ने तब यह भी उल्लेख किया कि सितंबर में पारित आदेश में न्यायालय ने न्यायिक अधिकारियों के लिए कोर्ट रूम्स और आवासों की कमी को पूरा करने के लिए वैकल्पिक आवासों की पहचान करने और उपलब्ध कराने के लिए पंजाब के सभी जिलों में खाली पड़े राज्य भवनों को चिन्हित करके और उनका अधिग्रहण करके, जो न्यायालय जजों के आवास के लिए उपयुक्त और उपयुक्त हैं, रिट जारी की थी।

मामले को आगे के विचार के लिए 20 दिसंबर को सूचीबद्ध किया गया।

केस टाइटल: जिला बार एसोसिएशन, मलेरकोटला बनाम पंजाब राज्य और अन्य

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