सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करते हुए सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के लिए बैठक बुलाने की डिप्टी कमिश्नर की अधिसूचना के खिलाफ कांग्रेस पार्षद पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचे

Update: 2024-02-27 18:27 GMT

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दो पार्षदों ने मेयर चुनाव मामले में कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करते हुए सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव कराने के लिए चंडीगढ़ के उपायुक्त द्वारा बुलाई गई बैठक को चुनौती देते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट का रुख किया।

गुरप्रीत सिंह और निर्मला देवी ने याचिका में दलील दी है कि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए नए सिरे से चुनाव कराने की आवश्यकता है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पिछले नामांकन और वापसी अब वैध नहीं हैं।

उस आदेश के पैरा 44 पर भरोसा किया गया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम का मेयर घोषित किया था।

इसमें कहा गया,

"नियमों के अनुसार होने वाले अन्य चुनाव अब होंगे। कानून के अनुसार स्थान मेयर के चुनाव को छोड़कर जिसे जारी किए गए अंतिम निर्देशों द्वारा हल किया गया।”

यह भी तर्क दिया गया कि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव कराने के लिए 22 फरवरी और 23 फरवरी को उपायुक्त द्वारा जारी अधिसूचना मनमानी है और चंडीगढ़ नगर निगम (प्रक्रिया और व्यवसाय का संचालन) विनियम 1996 के प्रावधानों के खिलाफ है।

नियमों के अनुसार, उपायुक्त चुनाव कराने का पीठासीन प्राधिकारी मेयर होता है जिसने अभी तक कार्यालय का कार्यभार नहीं संभाला है।

याचिका में कहा गया कि नए मेयर को अभी कार्यालय में शामिल होना बाकी है और मौजूदा मेयर से परामर्श किए बिना उपायुक्त द्वारा पारित कोई भी अधिसूचना अमान्य और शून्य है।

याचिका में नियमों के अनुसार पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए नए सिरे से चुनाव कराने के निर्देश देने की मांग की गई।

जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस हर्ष बंगर की खंडपीठ के समक्ष मामला सूचीबद्ध किया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पीठासीन अधिकारी अनिल मैश द्वारा 30 जनवरी, 2024 को घोषित परिणाम, जिसमें भाजपा उम्मीदवार मनोज कुमार सोनकर को विजेता घोषित किया गया था, को अवैध ठहराया और इसे रद्द कर दिया।

कोर्ट ने पाया कि पीठासीन अधिकारी ने जानबूझकर कुलदीप कुमार के पक्ष में डाले गए 8 मतपत्रों को अमान्य करने के लिए विरूपित किया।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील- राजीव शर्मा, करणबीर सिंह, मनोज गुजराल, अर्जुन कौशल।

केस टाइटल- गुरप्रीत सिंह और अन्य बनाम केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ एवं अन्य

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