मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस थानों में अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाने की याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा, यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया

Update: 2024-11-06 07:57 GMT

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर पीठ ने सोमवार (4 नवंबर) को कथित रूप से अनधिकृत रूप से राज्य भर के पुलिस स्टेशन परिसरों में निर्मित धार्मिक स्थलों को हटाने की मांग वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा।

हाईकोर्ट ने पक्षकारों को अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया।

चीफ जस्टिस सतीश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने अपने आदेश में राज्य सरकार को नोटिस जारी किया सुनवाई के दौरान प्रतिवादी अधिकारियों की ओर से पेश एडीशनल एडवोकेट जनरल एचएस रूपरा ने नोटिस स्वीकार किया और आवश्यक निर्देश लेने के लिए समय मांगा।

इसके बाद पीठ ने कहा,

"अगली सुनवाई की तारीख तक दोनों पक्ष यथास्थिति बनाए रखेंगे।”

मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी।

यह याचिका केंद्र सरकार के एक रिटायर कर्मचारी जो अब वकील हैं, उन्होंने दायर की थी और राज्य भर के पुलिस स्टेशन परिसरों में कथित रूप से अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाने की मांग की थी।

याचिकाकर्ता ने याचिका में दावा किया कि पुलिस स्टेशन परिसरों में धार्मिक स्थलों का निर्माण सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है।

याचिका में कहा गया कि अदालतों ने पुलिस स्टेशनों जैसे सरकारी स्वामित्व वाले परिसरों में सार्वजनिक भूमि पर बिना मंजूरी के धार्मिक संरचनाओं को प्रतिबंधित किया।

याचिका में कहा गया कि ये निर्माण न्यायिक आदेशों की अनदेखी है और जबलपुर तथा अन्य क्षेत्रों में पुलिस अधिकारियों ने धार्मिक स्थलों के निर्माण की अनुमति दी, जो धार्मिक तटस्थता तथा सार्वजनिक भूमि उपयोग पर न्यायालय के निर्देशों के विरुद्ध है।

याचिकाकर्ता का दावा है कि ये कार्य न केवल सिविल सेवा नियमों का उल्लंघन करते हैं बल्कि भारतीय संविधान द्वारा गारंटीकृत धर्मनिरपेक्षता तथा कानून के तहत समान व्यवहार के मूल सिद्धांतों का भी उल्लंघन करते हैं।

याचिका में दीपक कुमार मुखर्जी बनाम कोलकाता नगर निगम में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनधिकृत निर्माणों का सार्वजनिक विश्वास पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इस बात पर जोर दिया कि अवैध अतिक्रमण नागरिकों के निष्पक्ष तथा समतापूर्ण शहरी विकास के अधिकारों को कमजोर करते हैं।

याचिकाकर्ता का तर्क है कि अनधिकृत धार्मिक स्थल सरकारी परिसरों की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति से समझौता करते हैं तथा कानून प्रवर्तन में जनता के अविश्वास को जन्म देते हैं।याचिकाकर्ता का दावा है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद जिला तथा पुलिस अधिकारियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तथा 14 अक्टूबर को कानूनी नोटिस भी भेजा गया।

याचिकाकर्ता ने पूरे मध्य प्रदेश में पुलिस स्टेशन परिसरों में अवैध रूप से निर्मित सभी धार्मिक स्थलों को ध्वस्त करने का अनुरोध किया है।

याचिका में मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियमों के अनुसार इन निर्माणों की अनुमति देने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गई है। इसमें सार्वजनिक संपत्ति और कानून प्रवर्तन सुविधाओं की अखंडता को बनाए रखने के लिए अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाने के लिए अंतरिम राहत की भी मांग की गई।

केस टाइटल: ओम प्रकाश यादव बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य

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