मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने JEE (एडवांस्ड) परीक्षा में तकनीकी गड़बड़ियों के कारण बाधा का सामने करने वाले ITT अभ्यर्थी की याचिका पर विचार करने को कहा

Update: 2025-07-14 12:09 GMT

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 9 जुलाई को एक IIT अभ्यर्थी की याचिका का निपटारा किया। इस याचिका में अभ्यर्थी ने आरोप लगाया कि 18 मई 2025 को हुई JEE (Advanced) की परीक्षा के पेपर 2 के दौरान उसके कंप्यूटर में तकनीकी खराबी आ गई, जिससे उसकी परफॉर्मेंस पर असर पड़ा।

कोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को निर्देश दिया कि वह स्टूडेंट की शिकायत पर विचार करे।

अभ्यर्थी ने कहा कि उसे जो कंप्यूटर मिला था, उसमें लगातार माउस लैग करता रहा स्क्रीन झपकती रही और माउस काम नहीं कर रहा था, जिससे वह ठीक से परीक्षा नहीं दे सका।

जस्टिस आनंद पाठक और जस्टिस राजेंद्र कुमार वानी की बेंच ने माना कि स्टूडेंट को परीक्षा में 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया था। कोर्ट ने माना कि तकनीकी खराबी से स्टूडेंट को मानसिक पीड़ा जरूर हुई होगी और कहा कि ऐसी दिक्कतें किसी भी हाल में नहीं होनी चाहिए।

कोर्ट ने यह भी कहा कि कोर्ट खुद से कोई नया नियम लागू नहीं कर सकता। अतिरिक्त अंक देने का अधिकार केंद्र सरकार और NTA के पास है।

कोर्ट ने यह भी बताया कि स्टूडेंट को पहले ही IIT खड़गपुर में सीट मिल चुकी है, जो प्रतिष्ठित संस्थान है। इसलिए कोर्ट ने याचिका निपटाते हुए कहा कि स्टूडेंट की शिकायत पर नियमों के अनुसार विचार किया जाए।

स्टूडेंट ने ये मांगे रखी थीं-

1. उसके अंकों की दोबारा गणना हो।

2. JEE (Mains) के अंकों को JEE (Advanced) के मूल्यांकन के लिए आधार बनाया जाए।

3. उस परीक्षा सत्र की जांच कराई जाए जिसमें कंप्यूटर खराबी आई थी।

स्टूडेंट ने कहा कि 11 मिनट तक उसे रुकावट का सामना करना पड़ा 2:47 से 2:54, 3:03 से 3:05 और 3:12 से 3:14 बजे तक।

स्टूडेंट ने कोर्ट से यह भी गुहार लगाई कि उसकी स्थिति को सहानुभूति से देखा जाए और उसे या तो अतिरिक्त अंक मिलें या JEE Mains के आधार पर उसका मूल्यांकन हो।

सरकार की ओर से कहा गया कि स्टूडेंट को 15 मिनट का अतिरिक्त समय पहले ही दिया गया और उसकी परफॉर्मेंस राष्ट्रीय औसत से बेहतर रही है।

NTA ने कहा कि अतिरिक्त समय देने के बाद अब और अंक देना नियमों के तहत संभव नहीं है।

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