मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का आदेश: क्रिमिनल मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग अस्थायी रूप से निलंबित
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए सभी पीठों द्वारा चल रहे आपराधिक मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग अस्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि यह आदेश 15 सितंबर (सोमवार) से लागू होगा और अगली सुनवाई तक प्रभावी रहेगा।
PIL में आरोप
1. याचिकाकर्ता ने दलील दी कि अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग का दुरुपयोग किया जा रहा है।
2. कई निजी संस्थाएं रील, क्लिप और मीम्स बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर रही हैं।
3. इनसे न्यायपालिका और विधि समुदाय की छवि को ग़लत और अपमानजनक ढंग से पेश किया जा रहा है।
चीफ जस्टिस संजयव सचदेवा और जस्टिस विनय साराफ की खंडपीठ ने आदेश दिया,
. आपराधिक मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग तुरंत प्रभाव से रोक दी जाए। इच्छुक लोग Webex लिंक के माध्यम से कार्यवाही देख सकते हैं। Webex पर रिकॉर्डिंग सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जाएगी, ताकि कोई भी रिकॉर्डिंग कर उसका दुरुपयोग न कर सके।
याचिकाकर्ता ने विजय बजाज बनाम भारत संघ मामले में हाईकोर्ट के उस निर्णय का भी हवाला दिया, जिसमें व्यक्तियों व संस्थाओं को कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग सामग्री को एडिट मॉर्फ या अवैध रूप से उपयोग करने से रोका गया। यह आदेश मध्यप्रदेश लाइव स्ट्रीमिंग एंड रिकॉर्डिंग रूल्स, 2021 की धारा 11(ब) के अनुरूप था।
इसके बावजूद याचिकाकर्ता के अनुसार यूट्यूब सहित अन्य प्लेटफॉर्म्स पर वीडियो व क्लिप्स अपलोड किए जा रहे हैं, जो नियमों का उल्लंघन है।
मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर, 2025 को होगी।