धारा 15 HMA | मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने तलाक के आदेश के खिलाफ पूर्व पत्नी की अपील के लंबित रहने के दौरान व्यक्ति को दूसरी शादी करने से रोका

Update: 2024-12-12 07:04 GMT

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम निर्देश के माध्यम से एक व्यक्ति को तलाक के आदेश के खिलाफ अपनी पूर्व पत्नी की अपील के लंबित रहने के दौरान दूसरी शादी करने से रोक दिया।

ऐसा करते हुए जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस देवनारायण मिश्रा की खंडपीठ ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 15 का हवाला दिया जिसमें कहा गया कि जब तलाक के आदेश द्वारा विवाह को भंग कर दिया जाता है तो किसी भी पक्ष के लिए फिर से विवाह करना तभी वैध है, जब या तो अपील का कोई अधिकार न हो या अपील का अधिकार हो और अपील प्रस्तुत किए बिना अपील करने का समय समाप्त हो गया हो।

इस मामले में पत्नी ने दावा किया कि उन्हें इस साल जुलाई के महीने में तलाक दिया गया। उसने 30 दिनों की अवधि के भीतर वैधानिक अपील की।

अपीलकर्ता के वकील ने कहा,

“इस माननीय न्यायालय के समक्ष प्रथम अपील लंबित है। प्रतिवादी इस महीने की 13 तारीख को दूसरी शादी करने जा रहा है। इसलिए मेरे स्थगन आवेदन पर विचार किया जाए और कोई पूर्वानुमेय आदेश पारित किया जाए।”

इस पर पीठ ने मौखिक रूप से पूछा,

“आपने अपनी अपील कब दायर की? 30 दिनों के भीतर?”

इस पर वकील ने उत्तर दिया,

“मैंने 29-07-24 को अपील दायर की।”

वकील द्वारा उल्लिखित विवरणों पर विचार करने के बाद न्यायालय ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा,

“इस आवेदन के माध्यम से अपीलकर्ता का तर्क है कि प्रतिवादी दूसरी शादी करने जा रहा है। अपीलकर्ता ने 28-6-2024 के आदेश को चुनौती दी, जिसके तहत अपीलकर्ता और प्रतिवादी के बीच विवाह तलाक के आदेश द्वारा भंग कर दिया गया था। विषय अपील रजिस्ट्री में 29-7-2024 को दायर की गई थी यानी विवादित आदेश के 30 दिनों के भीतर।”

धारा 15 (तलाकशुदा व्यक्ति दोबारा शादी कब कर सकते हैं) का हवाला देते हुए इसने कहा,

“इस मामले में अपील दायर की गई। अपील का अधिकार है और अपील समय-सीमा के भीतर दायर की गई। नतीजतन धारा 15 के अनुसार अपील के अंतिम निपटारे तक दूसरी शादी नहीं की जा सकती।”

अदालत ने आगे कहा,

“अपीलकर्ता द्वारा आशंका व्यक्त की गई कि प्रतिवादी शादी करने जा रहा है। अपीलकर्ता के वकील ने प्रस्तुत किया है कि शादी 13 तारीख को तय है। हम स्पष्ट करते हैं कि अपील के निपटारे तक प्रतिवादी दूसरी शादी नहीं कर सकता। नतीजतन, प्रतिवादी को अगली सुनवाई तक दूसरी शादी करने से रोका जाता है।”

इसके बाद अदालत ने मौखिक रूप से वकील से पूछा,

“क्या अपील में नोटिस जारी किया गया है?”

इस पर वकील ने जवाब दिया,

“हां। यह पहले ही जारी किया जा चुका है।”

अदालत ने फिर पूछा,

“क्या उन्हें नोटिस दिया गया है?”

वकील ने जवाब दिया, “हां।”

इसके बाद न्यायालय ने 16 जनवरी, 2025 को निर्देश के लिए अपील सूचीबद्ध की।

केस टाइटल: आशु प्रजापति बनाम अजय कुमार प्रजापति,

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