मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने Emergency की रिलीज को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

Update: 2024-09-03 06:54 GMT

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कंगना रनौत की फिल्म Emergency की आसन्न रिलीज को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) को नोटिस भेजा। याचिकाकर्ता जबलपुर सिख संगत और गुरु सिंह सभा इंदौर का दावा कि फिल्म में ऐसे दृश्य हैं जो सिख समुदाय के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।

एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने प्रतिवादियों से स्पष्टता का अनुरोध किया। अदालत का नोटिस तब आया, जब याचिकाकर्ताओं जिनका प्रतिनिधित्व एडवोकेट नरिंदर पाल सिंह रूपराह कर रहे थे, उन्होंने कहा कि फिल्म में कुछ घटनाओं का चित्रण सिख समुदाय को गुमराह और बदनाम कर सकता है।

Emergency 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से संबंधित आपातकाल के दौरान की कहानी है। फिल्म का प्रीमियर 6 सितंबर 2024 को होना तय था लेकिन बढ़ते विरोध खासकर सिख संगठनों के कारण इसे स्थगित कर दिया गया।

याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले एडवोकेट नरिंदर पाल सिंह रूपरा ने तर्क दिया कि फिल्म में कुछ ऐतिहासिक घटनाओं खासकर खालिस्तान शब्द के इस्तेमाल का चित्रण सिख समुदाय के लिए नकारात्मक परिणाम हो सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि फिल्म की कहानी भेदभाव को बढ़ावा दे सकती है और पगड़ी पहनने वाले छोटे सिख बच्चों को खालिस्तानी करार दे सकती है।

याचिकाकर्ता सिख समुदाय की भावनाओं को कथित रूप से ठेस पहुंचाने के लिए फिल्म की अभिनेत्री और निर्माता कंगना रनौत से बिना शर्त माफ़ी मांगने का अनुरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि फिल्म में सिख समुदाय का चित्रण न केवल ऐतिहासिक रूप से गलत है बल्कि अपमानजनक भी है।

पीठ ने प्रतिवादियों को याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई 3 सितंबर को तय की।

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ऐसे ही मामले की सुनवाई कर रहा है, जिसमें उसने आगे के आदेश पारित करने से पहले फिल्म के CBFC के प्रमाणन की प्रतीक्षा करने की इच्छा व्यक्त की थी।

केस टाइटल: जबलपुर सिख संगत और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य

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