Doctors Strike: अस्पताल की विशेष चिंताओं को दूर करने के लिए उच्च स्तरीय हितधारक बैठक आयोजित करें: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा

Update: 2024-08-28 07:27 GMT

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह राज्य में जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा उठाए गए मुद्दों को हल करने के लिए उच्च स्तरीय हितधारक बैठक आयोजित करे, जो इस महीने की शुरुआत में कोलकाता में एक डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के संबंध में एसोसिएशन द्वारा घोषित प्रस्तावित हड़ताल से संबंधित याचिका में है।

एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने 27 अगस्त के अपने आदेश में राज्य के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा याचिका पर दायर जवाब पर ध्यान दिया। न्यायालय ने कहा कि कुछ मुद्दे सुप्रीम कोर्ट के समक्ष न्यायालय में विचाराधीन हैं लेकिन ड्यूटी डॉक्टरों के लिए परिवहन राज्य शिकायत समिति, सीसीटीवी और लाइटिंग, अलार्म सिस्टम और त्वरित प्रतिक्रिया, पुलिस चौकी जैसे कुछ मुद्दे अस्पताल विशिष्ट हैं।

इसके बाद खंडपीठ ने कहा,

"राज्य सरकार को जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा उठाए गए मुद्दों और उक्त शिकायतों के निवारण के लिए उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों पर प्रतिक्रिया दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है। राज्य सरकार को जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा उठाए गए मुद्दों पर शीघ्रता से प्रतिक्रिया देने और अगली सुनवाई की तारीख से पहले स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए हितधारकों की उच्च स्तरीय बैठक आयोजित करने का भी निर्देश दिया जाता है।"

मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।

न्यायालय अंशुल तिवारी द्वारा राज्य भर में जूनियर डॉक्टरों की सुरक्षा और काम करने की स्थिति के संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। यह याचिका मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा कोलकाता में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ दुखद बलात्कार और हत्या के परिणामस्वरूप घोषित हड़ताल के जवाब में दायर की गई।

हड़ताल की योजना पहले 16 अगस्त को बनाई गई, जिसका उद्देश्य ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों के लिए सख्त सुरक्षा उपाय करना था।

16 अगस्त को हाईकोर्ट ने राज्य में डॉक्टरों, मेडिकल स्टूडेंट और संबंधित मेडिकल संगठनों द्वारा हड़ताल के नोटिस का संज्ञान लिया। न्यायालय ने पहले जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन से हड़ताल का नोटिस वापस लेने का आग्रह किया था। साथ ही उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी चिंताओं को सुना जाएगा और उनका तुरंत समाधान किया जाएगा।

केस टाइटल- अंशुल तिवारी बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य

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