बीएनएस 2023 के तहत पत्नी के खिलाफ क्रूरता और अन्य संबंधित अपराधों से संबंधित प्रावधान (धारा 83 से धारा 87)

Update: 2024-07-26 11:49 GMT

भारतीय न्याय संहिता 2023, जिसने भारतीय दंड संहिता की जगह ली और 1 जुलाई 2024 को लागू हुई, विवाह से संबंधित अपराधों को संबोधित करने के लिए कई प्रावधान पेश करती है। यह लेख धारा 80 से 87 का पता लगाता है, प्रत्येक खंड के लिए विस्तृत व्याख्या और उदाहरण प्रदान करता है ताकि व्यापक समझ सुनिश्चित हो सके।

लाइव लॉ हिंदी के पिछले लेख में हमने दहेज हत्या (धारा 80), छलपूर्ण विवाह (धारा 81), द्विविवाह (धारा 82) के अर्थ पर चर्चा की है। इस लेख में विवाह से संबंधित बाकी अपराधों पर चर्चा की जाएगी।

भारतीय न्याय संहिता 2023 ने विवाह से संबंधित अपराधों को संबोधित करने के लिए स्पष्ट और कड़े प्रावधान पेश किए हैं। धारा 80 से 87 का उद्देश्य व्यक्तियों को उत्पीड़न, धोखे और गैरकानूनी वैवाहिक प्रथाओं से बचाना है। इन प्रावधानों और उनके निहितार्थों को समझकर, हम विवाह संस्था के भीतर न्याय को बनाए रखने और व्यक्तियों की गरिमा और अधिकारों को सुनिश्चित करने के प्रयासों की बेहतर सराहना कर सकते हैं।

धारा 83: धोखाधड़ीपूर्ण विवाह समारोह (Fraudulent Marriage Ceremony)

परिभाषा और दंड

धारा 83 उन लोगों को दंडित करती है जो बेईमानी से या धोखाधड़ी के इरादे से, यह जानते हुए भी विवाह समारोह में भाग लेते हैं कि वे कानूनी रूप से विवाहित नहीं हैं। सजा सात साल की कैद और जुर्माना तक हो सकती है।

उदाहरण

जॉन पर विचार करें, जो मैरी के साथ विवाह समारोह में भाग लेता है, यह जानते हुए भी कि यह समारोह उन्हें विवाहित जोड़े के रूप में कानूनी रूप से बाध्य नहीं करता है। धारा 83 के तहत, जॉन को अपने धोखाधड़ीपूर्ण कार्यों के लिए सात साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।

धारा 84: विवाहित महिला को बहलाना या ले जाना (Enticing or Taking Away a Married Woman)

परिभाषा और दंड

धारा 84 किसी विवाहित महिला को इस इरादे से ले जाने या बहलाने के कृत्य को संबोधित करती है कि वह अवैध संभोग कर सकती है या इस तरह के इरादे से उसे छिपाना या हिरासत में लेना। इस अपराध के लिए सज़ा दो साल की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकती है।

उदाहरण

अगर सैम यह जानते हुए भी कि रीता राहुल से विवाहित है, उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाता है, ताकि वह उसके साथ अवैध संबंध बना सके, तो सैम को धारा 84 के तहत सज़ा दी जाएगी। उसे दो साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकती है।

धारा 85: पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता

परिभाषा और सज़ा

धारा 85 किसी भी पति या उसके रिश्तेदारों को सज़ा देती है जो किसी महिला के साथ क्रूरता करते हैं। सज़ा तीन साल की कैद और जुर्माना तक हो सकती है।

क्रूरता की परिभाषा

क्रूरता में जानबूझकर किया गया ऐसा आचरण शामिल है जो महिला को आत्महत्या करने, गंभीर चोट पहुँचाने या उसके जीवन, अंग या स्वास्थ्य (मानसिक या शारीरिक) को खतरे में डालने की संभावना रखता है। इसमें संपत्ति या मूल्यवान सुरक्षा की किसी भी अवैध मांग को पूरा करने के लिए उसे या उसके रिश्तेदारों को मजबूर करने के इरादे से उत्पीड़न भी शामिल है।

उदाहरण

एक ऐसे मामले पर विचार करें जहाँ दीपा को उसके पति मोहित और उसके परिवार द्वारा पर्याप्त दहेज न लाने के लिए लगातार परेशान किया जाता है। इस उत्पीड़न से उसका मानसिक स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है। धारा 85 के तहत, मोहित और उसके परिवार को उनके क्रूर व्यवहार के लिए तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।

धारा 86: क्रूरता की परिभाषा

धारा 86 धारा 85 के प्रयोजनों के लिए "क्रूरता" की विस्तृत परिभाषा प्रदान करती है। इसमें कोई भी जानबूझकर किया गया आचरण शामिल है जो किसी महिला को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित कर सकता है या उसके जीवन, अंग या स्वास्थ्य को गंभीर चोट या खतरा पहुंचा सकता है। इसमें उसे या उसके रिश्तेदारों को संपत्ति या मूल्यवान सुरक्षा की अवैध मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर करने के उद्देश्य से उत्पीड़न भी शामिल है।

धारा 87: किसी महिला का अपहरण या अपहरण (Kidnapping or Abducting a Woman)

परिभाषा और सजा

धारा 87 उन लोगों को दंडित करती है जो किसी महिला को उसकी इच्छा के विरुद्ध विवाह करने के लिए मजबूर करने, उसे अवैध संभोग के लिए मजबूर करने या बहकाने के इरादे से अपहरण करते हैं या यह जानते हुए कि उसे मजबूर या बहकाया जाएगा। सजा दस साल की कैद और जुर्माना तक हो सकती है।

उदाहरण

अगर राज पूजा को शादी के लिए मजबूर करने या अवैध संभोग करने के इरादे से उसका अपहरण करता है, तो राज को धारा 87 के तहत दंडित किया जाएगा। उसे दस साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।

लाइव लॉ हिंदी के पिछले लेख में चर्चित विवाह से संबंधित अपराधों का सारांश

धारा 80: दहेज मृत्यु (Dowry Death)

परिभाषा और सजा

धारा 80 दहेज मृत्यु के मुद्दे को संबोधित करती है। इसमें कहा गया है कि अगर कोई महिला अपनी शादी के सात साल के भीतर जलने, शारीरिक चोट या असामान्य परिस्थितियों में मर जाती है और यह साबित हो जाता है कि दहेज की किसी भी मांग के संबंध में उसके पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा उसे क्रूरता या उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था, तो उसकी मृत्यु को "दहेज मृत्यु" कहा जाएगा।

धारा 81: धोखेबाज़ विवाह (Deceitful Marriage)

परिभाषा और सज़ा

धारा 81 धोखेबाज़ विवाह से संबंधित है। इसमें कहा गया है कि यदि कोई पुरुष किसी महिला को यह विश्वास दिलाकर धोखा देता है कि वह उससे वैधानिक रूप से विवाहित है और परिणामस्वरूप उस विश्वास के तहत उसके साथ सहवास करता है या यौन संबंध बनाता है, तो उसे दस साल तक की कैद की सज़ा दी जाएगी और जुर्माना भी देना होगा।

धारा 82: द्विविवाह (Bigamy)

परिभाषा और दंड

धारा 82 द्विविवाह के मुद्दे को संबोधित करती है। इसमें कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति, जिसका पति या पत्नी जीवित हैं, किसी अन्य व्यक्ति से विवाह करता है और यह विवाह पिछले विवाह के अस्तित्व के कारण अमान्य है, तो उसे सात वर्ष तक के कारावास की सजा दी जाएगी और जुर्माना भी देना होगा।

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