गवाहियों की सटीकता सुनिश्चित करने की प्रक्रिया: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 313

Update: 2024-12-20 11:27 GMT

गवाही दर्ज करने की प्रक्रिया भारतीय न्याय प्रणाली में निष्पक्षता की बुनियाद है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 में इस प्रक्रिया को विस्तृत रूप से परिभाषित किया गया है। धारा 313 गवाही को रिकॉर्ड करने के बाद उसकी सटीकता सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश देती है। इस धारा को बेहतर तरीके से समझने के लिए हमें धारा 310, 311, और 312 का भी संदर्भ लेना होगा।

धारा 310, 311 और 312 का पुनरावलोकन (Revisiting)

धारा 310: वारंट मामलों (Warrant Cases) में गवाही रिकॉर्ड करना

वारंट मामलों में, मजिस्ट्रेट गवाह की गवाही को उनकी उपस्थिति में लिखते हैं। यदि मजिस्ट्रेट इसे स्वयं लिखने में असमर्थ होते हैं, तो वे इसे अदालत के किसी अधिकारी के माध्यम से निर्देश और देखरेख में लिखवाते हैं। इसमें गवाही ऑडियो-वीडियो माध्यम (Audio-Video Means) से भी रिकॉर्ड की जा सकती है।

धारा 311: सेशन अदालत (Sessions Court) में गवाही रिकॉर्ड करना

सेशन अदालतों में गवाह की गवाही को रिकॉर्ड करने का दायित्व अध्यक्ष न्यायाधीश (Presiding Judge) का होता है। गवाही को आमतौर पर वर्णनात्मक रूप (Narrative Form) में लिखा जाता है, लेकिन न्यायाधीश इसे प्रश्न-उत्तर (Question and Answer) के रूप में भी रिकॉर्ड कर सकते हैं।

धारा 312: गवाही की भाषा और अनुवाद

इस धारा के तहत, यह सुनिश्चित किया जाता है कि गवाही की भाषा न्यायिक प्रक्रिया में बाधा न बने। यदि गवाह अदालत की भाषा के अलावा किसी अन्य भाषा में बयान देता है, तो उसका सटीक अनुवाद (True Translation) तैयार किया जाता है।

धारा 313: गवाही को प्रमाणित और सुधारने की प्रक्रिया

गवाही को गवाह को पढ़कर सुनाना

धारा 313 के अनुसार, जब गवाह की गवाही रिकॉर्ड हो जाती है, तो उसे गवाह को पढ़कर सुनाना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया गवाह को अपनी गवाही की पुष्टि (Confirmation) करने का अवसर देती है। यदि आरोपी उपस्थित हो, तो यह प्रक्रिया उसकी उपस्थिति में होती है। अगर आरोपी का वकील (Advocate) उपस्थित हो, तो उसकी उपस्थिति पर्याप्त मानी जाती है।

उदाहरण (Illustration):

मान लीजिए चोरी के एक मामले में गवाह ने हिंदी में बयान दिया। बयान को रिकॉर्ड करने के बाद मजिस्ट्रेट इसे गवाह को हिंदी में पढ़कर सुनाते हैं, ताकि वह उसकी पुष्टि कर सके।

गवाही में त्रुटियों (Errors) का समाधान

यदि गवाह किसी भाग को गलत मानता है, तो मजिस्ट्रेट या न्यायाधीश उस गवाही को तुरंत सुधारने के बजाय गवाह की आपत्ति का एक ज्ञापन (Memorandum) तैयार कर सकते हैं। इसके साथ वे अपनी आवश्यक टिप्पणी (Remarks) भी जोड़ सकते हैं।

उदाहरण:

गवाह कहता है कि उसने आरोपी को "घटना स्थल के पास" देखा, लेकिन रिकॉर्ड में लिखा है "घटना स्थल पर देखा।" अगर गवाह इसे त्रुटिपूर्ण मानता है, तो न्यायाधीश इसे स्पष्ट करने के लिए एक नोट जोड़ सकते हैं।

भाषा की समझ सुनिश्चित करना

यदि गवाही रिकॉर्ड की गई भाषा गवाह की भाषा से अलग है और वह इसे नहीं समझता, तो गवाही को गवाह की भाषा में अनुवाद (Interpretation) करना अनिवार्य है।

उदाहरण:

तमिल-भाषी गवाह तमिल में बयान देता है, लेकिन गवाही अंग्रेज़ी में रिकॉर्ड होती है। न्यायाधीश इसे गवाह को तमिल में अनुवादित करके पढ़ाते हैं।

निष्पक्षता और सटीकता सुनिश्चित करना: धारा 313 का उद्देश्य

धारा 313 यह सुनिश्चित करती है कि गवाह की गवाही को सही तरीके से रिकॉर्ड किया गया हो। यह प्रक्रिया न्यायिक प्रणाली में सटीकता बनाए रखने और किसी भी गलतफहमी से बचने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

पूर्ववर्ती धाराओं का पूरक (Complementary) योगदान

धारा 310, 311, 312, और 313 एक ऐसी रूपरेखा तैयार करते हैं जो गवाही को सटीकता और पारदर्शिता से रिकॉर्ड और प्रमाणित करने में मदद करती है।

• धारा 310 और 311 गवाही रिकॉर्ड करने के नियमों की नींव रखते हैं।

• धारा 312 भाषा संबंधी बाधाओं का समाधान करती है।

• धारा 313 गवाही की सटीकता सुनिश्चित करने की प्रक्रिया को पूरा करती है।

व्यावहारिक प्रभाव (Practical Impact)

न्यायिक प्रक्रिया में सटीकता

यह धारा न्यायिक प्रक्रिया की सटीकता को सुनिश्चित करती है। गलत तरीके से रिकॉर्ड की गई गवाही गलत फैसले का कारण बन सकती है।

उदाहरण:

यदि गवाह ने कहा कि उसने "किसी को आरोपी के बारे में कहते हुए सुना," और इसे रिकॉर्ड किया गया कि "गवाह ने आरोपी को देखा," तो इससे मामले की दिशा बदल सकती है।

गवाहों को सशक्त बनाना

यह धारा गवाहों को उनकी गवाही की पुष्टि करने का अधिकार देती है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में उनकी भागीदारी बढ़ती है।

दक्षता और निष्पक्षता का संतुलन

हालांकि गवाही को पढ़कर सुनाना समय-गहन प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन यह न्यायिक दक्षता और निष्पक्षता के बीच संतुलन बनाती है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 313 गवाही रिकॉर्ड करने और उसकी सटीकता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह गवाह को प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाती है और सुनिश्चित करती है कि भाषा, रिकॉर्डिंग या अन्य प्रक्रियात्मक बाधाओं के कारण कोई भी गवाही गलत न हो।

धारा 310, 311, और 312 के साथ मिलकर यह धारा एक व्यापक रूपरेखा तैयार करती है जो गवाही की सटीकता, निष्पक्षता, और पारदर्शिता को बढ़ावा देती है। इन प्रावधानों से न्याय प्रक्रिया मजबूत होती है और यह सुनिश्चित होता है कि कोई भी गवाही गलत या गलत समझी न जाए।

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