न्यायालय में कैदियों की उपस्थिति: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 305 और 306
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 305 और 306 उन प्रक्रियाओं और अपवादों को स्पष्ट करती हैं जो कैदियों (prisoners) की न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित करने से संबंधित हैं। ये धाराएं इस अध्याय की पूर्ववर्ती प्रावधानों के साथ मिलकर न्यायिक और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को संतुलित करती हैं।
जेल प्रभारी अधिकारी का कर्तव्य: धारा 305
धारा 305 के अंतर्गत, जेल प्रभारी अधिकारी (Officer in charge of prison) की यह जिम्मेदारी होती है कि वह न्यायालय के धारा 302 के तहत दिए गए आदेश का पालन सुनिश्चित करे। हालांकि, यह कर्तव्य धारा 304 में वर्णित अपवादों (exceptions) के अधीन होता है, जो न्यायालय के आदेशों का पालन न करने के कारण बताती हैं।
उपस्थिति सुनिश्चित करने की प्रक्रिया
जब जेल प्रभारी अधिकारी को धारा 302(1) के तहत दिया गया वैध आदेश प्राप्त होता है—और यदि आवश्यक हो, तो धारा 302(2) के तहत अनुमोदित (countersigned)—तो वह यह सुनिश्चित करता है कि:
1. आदेश में बताए गए व्यक्ति को निर्दिष्ट न्यायालय (specified court) में पहुंचाया जाए।
2. वह व्यक्ति आदेश में उल्लेखित समय पर न्यायालय में उपस्थित हो।
3. जब तक न्यायालय उसकी गवाही (examination) पूरी न कर ले या उसे वापस जेल ले जाने का निर्देश न दे, तब तक वह व्यक्ति न्यायालय के पास हिरासत (custody) में रखा जाए।
जैसे ही न्यायालय अनुमति देता है, उस कैदी को तुरंत जेल वापस ले जाना चाहिए।
उदाहरण
मान लीजिए एक कैदी को हत्या के मामले में गवाही देने के लिए बुलाया गया है। न्यायालय धारा 302 के तहत उसकी उपस्थिति का आदेश जारी करता है, जिसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chief Judicial Magistrate) द्वारा अनुमोदित किया जाता है। जेल प्रभारी अधिकारी उस कैदी को समय पर न्यायालय लाता है और गवाही पूरी होने के बाद उसे सुरक्षित रूप से जेल वापस भेजता है।
कैदियों की कमीशन के माध्यम से पूछताछ: धारा 306
धारा 306 एक वैकल्पिक तरीका प्रदान करती है, जिससे कैदियों की न्यायालय में शारीरिक उपस्थिति (physical attendance) सुनिश्चित किए बिना उनकी पूछताछ (examination) की जा सकती है। यह प्रावधान न्यायालय को किसी कैदी को गवाह (witness) के रूप में पूछताछ करने के लिए कमीशन (commission) जारी करने की अनुमति देता है। यह प्रक्रिया न्याय के काम को बाधित किए बिना जारी रखने में सहायक होती है।
धारा 319 का संदर्भ
धारा 306 स्पष्ट करती है कि न्यायालय की कमीशन जारी करने की शक्ति (power to issue commission) धारा 319 के तहत अप्रभावित रहती है। धारा 319 गवाहों की उन स्थितियों में पूछताछ की अनुमति देती है, जहां उनकी शारीरिक उपस्थिति संभव न हो।
अध्याय XXV के भाग बी का अनुप्रयोग
धारा 306 यह भी उल्लेख करती है कि अध्याय XXV के भाग बी में वर्णित प्रक्रियाएं उन कैदियों की पूछताछ पर लागू होंगी, जो कमीशन के माध्यम से जेल में पूछे जा रहे हैं। ये प्रक्रियाएं गवाही दर्ज करने की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करती हैं।
उदाहरण
मान लीजिए कोई कैदी बीमार है और धारा 304(a) के अनुसार उसे न्यायालय लाना संभव नहीं है। न्यायालय धारा 319 के तहत कमीशन जारी करता है, जिससे उसकी पूछताछ जेल में ही की जाती है। अध्याय XXV का भाग बी यह सुनिश्चित करता है कि यह पूछताछ सभी नियमों के अनुसार हो।
पहले की धाराओं के साथ संबंध
धारा 305 और 306 इस अध्याय की पिछली धाराओं से गहराई से जुड़ी हुई हैं:
1. धारा 302: न्यायालय को कैदियों की उपस्थिति के आदेश जारी करने का अधिकार देती है।
2. धारा 303: कुछ कैदियों को सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था (public order) के कारण जेल से बाहर ले जाने पर रोक लगाती है।
3. धारा 304: बताती है कि किन परिस्थितियों में न्यायालय के आदेश का पालन करने से बचा जा सकता है।
धारा 305 धारा 302 के तहत वैध आदेश लागू करने की प्रक्रिया बताती है, जबकि धारा 306 उन परिस्थितियों में विकल्प प्रदान करती है जहां शारीरिक उपस्थिति संभव न हो।
न्यायिक और प्रशासनिक आवश्यकताओं का संतुलन
धारा 305 और 306 यह दर्शाती हैं कि संहिता न्यायिक अधिकारों और प्रशासनिक सीमाओं को संतुलित करने पर जोर देती है। जेल अधिकारियों की जिम्मेदारियां (जैसा कि धारा 305 में उल्लिखित हैं) और वैकल्पिक प्रक्रियाएं (जैसा कि धारा 306 में दी गई हैं) यह सुनिश्चित करती हैं कि न्याय बाधित न हो और प्रक्रिया व्यावहारिक बनी रहे।
धारा 305 और 306 कैदियों की न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक तंत्र प्रदान करती हैं। ये इस अध्याय की पूर्ववर्ती धाराओं के साथ मिलकर लचीलापन और व्यावहारिकता प्रदान करती हैं, जबकि न्यायिक प्रक्रियाओं की अखंडता (integrity) बनाए रखती हैं।
चाहे शारीरिक उपस्थिति हो या कमीशन के माध्यम से पूछताछ, ये प्रावधान न्याय और कार्यक्षमता के प्रति संहिता की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।