NBFC को अधिक ब्याज लेने पर भी NI Act की धारा 139 के तहत चेक धारक के पक्ष में रहेगी धारणा: केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यदि कोई चेक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) को जारी किया गया, जिसने केरल मनी लेंडर्स एक्ट के तहत निर्धारित सीमा से अधिक ब्याज वसूला हो तब भी नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (NI Act) की धारा 139 के तहत चेक धारक के पक्ष में धारणा बनी रहेगी।
जस्टिस एम.बी. स्नेहलता ने कहा कि NBFC का पूरा कार्य आरबीआई द्वारा नियंत्रित होता है। इसीलिए उस पर केरल मनी लेंडर्स एक्ट लागू नहीं होता। इसलिए आरोपी द्वारा यह तर्क कि लेन-देन अवैध था और चेक किसी वैध देयता के निर्वहन के लिए जारी नहीं किया गया, अस्वीकार्य है।
मामले में याचिकाकर्ता ने वाहन खरीदने के लिए NBFC से लोन लिया था। किस्त न चुका पाने पर वाहन जब्त कर लिया गया और शेष राशि के लिए याचिकाकर्ता ने एक चेक जारी किया, जो बाद में अनादृत हो गया। ट्रायल कोर्ट और प्रथम अपीलीय अदालत ने आरोपी को धारा 138 एनआई एक्ट के तहत दोषी पाया।
हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के Nedumpilli Finance Company Ltd. बनाम State of Kerala फैसले का हवाला देते हुए कहा कि चूंकि आरोपी चेक के पीछे की वैध देयता को खंडित नहीं कर सका, इसलिए दोषसिद्धि सही है।
याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने आरोपी की दोषसिद्धि बरकरार रखी।
केस टाइटल: अब्दुल्ला पी. बनाम मनप्पुरम जनरल फाइनेंस एंड लीजिंग लिमिटेड एवं अन्य