केरल हाईकोर्ट ने दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को 75 प्रतिशत दृष्टिबाधित लॉ स्टूडेंट की स्कॉलरशिप याचिका खारिज न करने का निर्देश दिया
केरल हाईकोर्ट अंतरिम आदेश में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को निर्देश दिया कि वह 75 प्रतिशत दृष्टिबाधित प्रथम वर्ष के लॉ स्टूडेंट के स्कॉलरशिप आवेदन को इस आधार पर खारिज न करे कि उसने विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र (UDID) विवरण प्रस्तुत नहीं किया।
ऐसा करते हुए न्यायालय ने प्रथम दृष्टया पाया कि याचिकाकर्ता जो कि NUALS, कोच्चि का स्टूडेंट है, उसको उन कारणों से उसे मिलने वाले लाभों से वंचित नहीं किया जाना चाहिए, जो उसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
जस्टिस वी जी अरुण ने केंद्र सरकार के वकील को मामले में निर्देश प्राप्त करने का निर्देश दिया और इस प्रकार आदेश दिया,
“प्रथम दृष्टया यह राय होने के कारण कि याचिकाकर्ता को उसके कारण नहीं होने वाले लाभों से वंचित नहीं किया जाना चाहिए, प्रतिवादी 1 (दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग) और 2 (निदेशक, स्कॉलरशिप विभाग, दिव्यांगजन सशक्तिकरण) को निर्देश दिया जाता है कि वे याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत आवेदन को UDID कार्ड जमा न करने का हवाला देते हुए अस्वीकार न करें।”
याचिकाकर्ता नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवांस्ड लीगल स्टडीज (NUALS) में 75 प्रतिशत दृष्टिबाधित प्रथम वर्ष का लॉ स्टूडेंट है। याचिकाकर्ता जो हाशिए पर और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आता है, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत) की निष्क्रियता से व्यथित है, जिसके कारण वह सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करने के बावजूद दिव्यांग स्टूडेंट्स के लिए शीर्ष श्रेणी की शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप' के लिए आवेदन करने में असमर्थ है। उल्लेखनीय है कि यह स्कॉलरशिप दिव्यांग स्टूडेंट्स को प्रमुख संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम बनाती है।
याचिकाकर्ता का दावा है कि वह यूनिक डिसेबिलिटी आईडी (UDID) सर्वर से दिव्यांगता डेटा प्राप्त न होने के कारण स्कॉलरशिप के लिए आवेदन करने में असमर्थ था। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि वह इस साल मई से UDID कार्ड प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन उसे अभी तक यह जारी नहीं किया गया।
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और स्कॉलरशिप आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर होने के कारण UDID कार्ड विवरण जमा न करने के लिए उसके आवेदन को अस्वीकार न करने के लिए प्रतिवादियों को निर्देश देने की मांग की।
याचिका में कहा गया कि प्रतिवादियों की निष्क्रियता दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के साथ-साथ याचिकाकर्ता के उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त करने के अधिकार का उल्लंघन करती है।
मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को तय की गई।
केस टाइटल: गोला मधु बनाम दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग