केरल हाईकोर्ट ने अरलम फार्म में हाथियों के हमलों पर राज्य से विस्तृत कार्ययोजना मांगी

Update: 2025-03-15 06:57 GMT
केरल हाईकोर्ट ने अरलम फार्म में हाथियों के हमलों पर राज्य से विस्तृत कार्ययोजना मांगी

केरल हाईकोर्ट ने गुरुवार (13 फरवरी) को राज्य सरकार से पूछा कि क्या कन्नूर के अरलम फार्म पर हाथियों के बार-बार अतिक्रमण और हमलों से निपटने के लिए कोई कार्ययोजना बनाई गई।

चीफ जस्टिस नितिन जामदार और जस्टिस एस. मनु की खंडपीठ ने राज्य से कहा कि वह तैयार की गई किसी भी कार्ययोजना, अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजना और योजना के प्रत्येक चरण को पूरा करने के लिए प्रस्तावित समयसीमा का विवरण प्रस्तुत करे।

न्यायालय ने मौखिक रूप से कदमों को लागू करने में समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि इसमें विभिन्न विभागों के कर्मचारी शामिल होंगे। न्यायालय ने राज्य से समन्वय समिति और समिति के प्रभारी के बारे में जानकारी देने को कहा। न्यायालय ने राज्य से यह भी पूछा कि क्या कोई फीडबैक तंत्र है, जिसके तहत क्षेत्र के निवासी हाथियों के हमले की घटनाओं की रिपोर्ट कर सकते हैं और उठाए जाने वाले कदमों पर सुझाव दे सकते हैं।

न्यायालय अरलम फार्म में हाथियों के अतिक्रमण के खिलाफ कदम उठाने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। अरलम फार्म अरलम वन्यजीव अभयारण्य के किनारे पर आदिवासी पुनर्वास सुविधा है। कथित तौर पर इस क्षेत्र में अक्सर मानव-वन्यजीव संघर्ष होते रहे हैं और 2014 से अब तक 20 से अधिक मौतें हुई हैं।

वर्तमान याचिका बैजू पॉल मैथ्यूज द्वारा दायर की गई, जिसमें बिजली की बाड़ की बहाली और रखरखाव, स्थायी सीमा दीवार बनने तक निगरानीकर्ताओं/त्वरित प्रतिक्रिया दल की तैनाती सबसे कमजोर परिवारों का पुनर्वास और मानव बस्ती क्षेत्र से हाथियों को भगाने के लिए कदम उठाने जैसी राहत की मांग की गई।

याचिकाकर्ता ने गुरुवार को अदालत को बताया कि सरकार को तुरंत योजना बनाने की जरूरत है कि क्या किया जाना चाहिए और अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजना को पूरा करने की समयसीमा तय करनी चाहिए। इसके अलावा योजना की प्रभावशीलता पर प्रतिक्रिया प्राप्त करने और किसी भी अप्रिय घटना की रिपोर्ट करने के लिए एक तंत्र होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार को एक समन्वयक नियुक्त करना चाहिए, जो हर चीज की देखरेख के लिए जिम्मेदार होगा।

अदालत ने सरकारी वकील से राज्य की प्रतिक्रिया प्राप्त करने को कहा। इस मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।

केस टाइटल: बैजू पॉल मैथ्यूज बनाम केरल राज्य और अन्य

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