केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने लग्जरी कारों के टैक्स चोरी मामले में आरोप मुक्त होने के लिए केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

Update: 2024-07-13 06:35 GMT

केंद्रीय मंत्री और फिल्म अभिनेता सुरेश गोपी ने केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उक्त याचिका में वह विशेष MP/MLa कोर्ट द्वारा उनके आरोप मुक्त करने के आवेदन को खारिज करने के आदेश को चुनौती दी गई।

जस्टिस सीएस डायस की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई 19 जुलाई को तय की।

अभिनेता ने 2010 और 2016 में एर्नाकुलम में ऑडी डीलरों से दो लग्जरी कारें खरीदी थीं। आरोप है कि अभिनेता के केरल के स्थायी निवासी होने के बावजूद कर चोरी करने के लिए वाहनों को पुडुचेरी में धोखाधड़ी से रजिस्टर्ड कराया गया। राज्य सरकार ने 18 लाख रुपये के संचयी नुकसान का दावा किया।

स्पेशल कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला पाते हुए डिस्चार्ज आवेदन खारिज कर दिया था।

हाईकोर्ट के समक्ष गोपी ने तर्क दिया कि पुडुचेरी में वाहन के रजिस्ट्रेशन का राज्य को भुगतान किए जाने वाले कर पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यदि वाहन का उपयोग एक महीने या उससे अधिक समय तक वहां किया जाता है तो राज्य को कर देय होता है।

याचिका में कहा गया,

"पुडुचेरी में रजिस्टर्ड वाहन को केरल में एक महीने की अवधि तक उपयोग किए जाने पर केरल में कर का भुगतान करना होता है। अभियोजन पक्ष का दावा है कि चूंकि याचिकाकर्ता का पता केरल में है, इसलिए यहां कर का भुगतान करना कानून के विरुद्ध है। देय कर का निर्धारण वाहन के मालिक के पते से नहीं बल्कि वाहन के उपयोग से होता है।”

वाहन को हाल ही में केरल के आरटीओ कार्यालय द्वारा प्रदान किया गया एक अस्थायी पंजीकरण नंबर मिला है।

यह भी आरोप है कि वाहन का पंजीकरण नोटरी की मुहर और हस्ताक्षर के साथ जाली हलफनामे का उपयोग करके किया गया।

याचिका में दावा किया गया कि वाहन को जीवन बीमा निगम द्वारा जारी बीमा पॉलिसी का उपयोग करके रजिस्टर किया गया। इसके अलावा जिस हलफनामे को जाली बताया गया। उसकी तारीख 18/06/2010 है, जबकि रजिस्ट्रेशन 27/01/2010 को दिया गया था। इस प्रकार यह दावा किया जाता है कि अभियोजन पक्ष द्वारा लगाए गए आरोप टिक नहीं पाते।

अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री ने पुडुचेरी में अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए पते का जाली सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया। स्पेशल कोर्ट में दलील दी गई कि इस बात के सबूत हैं कि वाहन का उपयोग केरल में 30 दिनों से अधिक समय तक किया गया और इसे आमतौर पर राज्य में ही रखा जाता है, हालांकि वाहन पुडुचेरी में रजिस्टर है।

यह याचिका वकील बी. एन. शिवशंकर, टीनू टी. जोसेफ, सनोज एम. ए., मेघा मुकुंदेश्वर, आदित्य किरण वी. ई., विष्णु बी. कुरूप द्वारा दायर की गई।

केस टाइटल- सुरेश गोपी बनाम केरल राज्य और अन्य

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