केरल में गुम हुआ कुवैती व्यक्ति, हाईकोर्ट ने कहा- 'हर जीवन अमूल्य'; SIT को दिया खोजने का निर्देश
केरल हाईकोर्ट ने बुधवार (5 नवंबर) को सूरज लामा के मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) से कहा कि वह उनके बेटे संतन लामा द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करे। सूरज लामा कुवैत से कोच्चि पहुंचने के बाद 5 अक्टूबर से लापता बताए जा रहे हैं।
जस्टिस देवन रामचंद्रन और जस्टिस एम.बी. स्नेहलता की खंडपीठ ने संतन लामा द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में अपने पिता की तस्वीर को अतिरिक्त दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार करने के लिए एक अंतरिम आवेदन स्वीकार कर लिया।
आवेदन के साथ दायर हलफनामे में उनके लापता पिता का पता लगाने के लिए जांच दल को दिए गए कुछ सुझाव भी शामिल थे।
इस पर विचार करते हुए खंडपीठ ने कहा:
“याचिकाकर्ता ने जांच के संबंध में कुछ सुझाव दिए हैं। हमें विश्वास है कि जांच अधिकारियों को याचिकाकर्ता को अपना पक्ष रखना चाहिए। उनके सुझावों पर विचार करना चाहिए, यह ध्यान में रखते हुए कि वह उनका बेटा है और उसकी पीड़ा को कभी भी वर्णित नहीं किया जा सकता।”
अदालत ने पहले राज्य पुलिस प्रमुख को याचिकाकर्ता के पिता का पता लगाने के लिए SIT गठित करने का निर्देश दिया था। हालांकि, लापता व्यक्ति का पता नहीं चल सका।
याचिकाकर्ता के अनुसार, उन्होंने अपने पिता का पता लगाने के लिए प्रवासी मज़दूरों और एजेंटों से मदद लेने हेतु पेरुम्बवुर स्थित प्रवासन एवं समावेशी विकास केंद्र के कार्यकारी निदेशक के साथ समन्वय स्थापित करने की पहल की। उन्होंने खोज में मदद के लिए मज़दूरों की स्थानीय भाषा में पर्चे भी बांटे।
दायर किए गए हलफ़नामे में याचिकाकर्ता ने पुलिस को लापता व्यक्ति का विवरण और तस्वीर तथा पुलिस के संपर्क विवरण वाले पर्चे समाचार पत्रों और अन्य जनसंचार माध्यमों से प्रसारित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।
उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि पुलिस को धार्मिक और धर्मार्थ संस्थाओं से संपर्क करने का निर्देश दिया जाए, क्योंकि ये संस्थाएं बेसहारा लोगों को भोजन और आश्रय प्रदान कर सकती हैं।
तीसरे सुझाव के रूप में यह अनुरोध किया गया कि पुलिस "जहां तक संभव हो, छोटी सड़कों, गलियों और अन्य कम भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बैरिकेड लगाकर जांच और गश्त कर सकती है।"
याचिकाकर्ता के वकील की बात सुनकर खंडपीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,
"हम इस व्यक्ति को कैसे पाएँगे? हमारा भी दिल भारी है... कृपया उनसे बात करें। कृपया समझें कि उसके मन में क्या चल रहा है। वह आग में जल रहा है... कृपया उसे खोजिए। हर जीवन अमूल्य है। हर जीवन असाधारण रूप से कीमती है।"
इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
Case Title: Santon Lama v. State of Kerala and Ors.