शहर या वार्ड का नाम बदलना जनहित याचिका का विषय नहीं हो सकता: कर्नाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को निगम वार्ड बसवनगुड़ी का नाम बदलकर डोड्डागणपति करने संबंधी सरकारी अधिसूचना पर सवाल उठाने वाली जनहित याचिका खारिज की।
चीफ जस्टिस एन वी अंजारिया और जस्टिस के वी अरविंद की खंडपीठ ने सत्यलक्ष्मी राव और अन्य द्वारा दायर याचिका खारिज की।
उन्होंने कहा,
"वार्ड या शहर का नाम बदलने का विषय जनहित याचिका में आंदोलन का हिस्सा नहीं बन सकता, याचिकाकर्ता को कोई राहत देने के लिए कोई जनहित नहीं बनता।"
याचिकाकर्ता ने शहरी विकास विभाग द्वारा 25-09-2023 को जारी अधिसूचना रद्द करने की मांग की। इसमें कहा गया कि बसवनगुंडी नाम का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है और यह निवासियों के लिए गर्व की बात है कि यह वार्ड प्रसिद्ध व्यक्तियों का है।
आग्रह से इनकार करते हुए न्यायालय ने कहा कि अधिसूचना के अनुसार, अधिकारियों ने बेंगलुरु में कई वार्डों के नाम बदल दिए। अधिसूचना में यह भी खुलासा किया गया कि शहर में वार्डों की सीमाओं को बदलने की परिसीमन प्रक्रिया चल रही है।
इसके बाद अदालत ने याचिका सरसरी तौर पर खारिज की।
केस टाइटल- सत्यलक्ष्मी राव और अन्य तथा कर्नाटक राज्य और अन्य