कुछ TRP के लिए बर्बाद हो रही ज़िंदगियां: कर्नाटक हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, माफ़ी पर केस ख़त्म करने का संकेत

Update: 2025-08-13 10:17 GMT

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को मीडिया को जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करने की नसीहत देते हुए कहा कि कुछ TRP रेटिंग्स के लिए कई बार लोगों की ज़िंदगियां बर्बाद कर दी जाती हैं।

जस्टिस एम.आई. अरुण ने मौखिक टिप्पणी में कहा,

“देखिए प्रेस, आप लोग जिम्मेदार हैं। आप जनमत बनाते हैं। आप राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं। आपको अपनी ताकत का अंदाज़ा होना चाहिए। कुछ TRP रेटिंग के लिए हम देखते हैं कि कई बार किसी व्यक्ति की ज़िंदगी तबाह हो जाती है। आप यह रिपोर्ट कर सकते हैं कि किसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है लेकिन आप इसे तथ्य का रूप नहीं दे सकते।”

यह टिप्पणी कन्नड़ प्रभा के एडिटर-इन-चीफ रवि हेगड़े की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान आई, जिसमें उन्होंने मंत्री के.जे. जॉर्ज द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले को रद्द करने की मांग की है। मामला 2020 का है, जब विधायक ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाए गए।

सुनवाई में अदालत ने कहा,

“प्रेस को समझना चाहिए कि उनके शब्द बहुत ताकतवर होते हैं, ये किसी को भी चोट पहुंचा सकते हैं। सुनी-सुनाई बात को वैसा ही पेश करना चाहिए, उसे तथ्य का रूप नहीं देना चाहिए।”

कोर्ट ने सुझाव दिया,

“माफ़ी मांग लें हम केस खत्म कर देंगे।”

अदालत ने कहा कि अगर बयान से किसी को ठेस पहुंची है या उसका अलग मतलब निकला है तो माफी दी जाए। उसे समान स्तर पर प्रचारित भी किया जाए।

मामले की अगली सुनवाई अब 20 अगस्त को होगी और तब तक के लिए हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश बढ़ा दिया है।

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