अभियुक्त के स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार में महत्वपूर्ण पारिवारिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अधिकार शामिलः राजस्थान हाईकोर्ट

Update: 2024-09-09 10:29 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट ने हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के तहत आरोपी को अपनी बेटी की सगाई समारोह में शामिल होने के लिए विदेश यात्रा करने की अनुमति दी।

जस्टिस अरुण मोंगा की पीठ ने सत्र न्यायाधीश का आदेश खारिज किया, जिसमें अभियुक्त द्वारा इस आशय की याचिका खारिज कर दिया गई और कहा कि अभियुक्त होने के बावजूद याचिकाकर्ता के पास अभी भी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार है, जिसमें यात्रा करने और महत्वपूर्ण पारिवारिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अधिकार शामिल है।

न्यायालय ने पाया कि याचिकाकर्ता का न्यायिक प्रक्रिया से बचने का कोई इरादा नहीं है। वह सभी शर्तों का पालन करने के लिए तैयार है। इसलिए यदि ट्रायल कोर्ट को लगता है कि उसके फरार होने का खतरा है तो उसकी वापसी सुनिश्चित करने के लिए उस पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

न्यायालय ने याचिकाकर्ता द्वारा वर्चुअल रूप से समारोह में शामिल होने के सुझाव को भी खारिज कर दिया इसे अनुचित करार दिया और समारोह के सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व की अनदेखी की।

न्यायालय ने कहा,

"यद्यपि याचिकाकर्ता अभियुक्त है, फिर भी उसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार है जिसमें यात्रा करने और महत्वपूर्ण पारिवारिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अधिकार शामिल है। उसे अपनी बेटी के सगाई समारोह में शामिल होने का अवसर न देने से अपूरणीय भावनात्मक क्षति होगी और पारिवारिक बंधन बनाए रखने के उसके अधिकार का उल्लंघन होगा। वर्चुअल उपस्थिति पिता की अपनी बेटी की सगाई में शारीरिक उपस्थिति का विकल्प नहीं हो सकती, जो पिता और बेटी दोनों के लिए जीवन में एक बार होने वाली घटना है।"

इस पृष्ठभूमि में न्यायालय ने याचिकाकर्ता को प्रस्थान की तिथि, भारत में आगमन, सभी हवाई टिकटों का प्रमाण और अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों जैसे विवरण प्रदान करके समारोह में भाग लेने के लिए विदेश यात्रा की अनुमति मांगने के लिए नया आवेदन दायर करने की स्वतंत्रता दी। परिणामस्वरूप ट्रायल कोर्ट को आवश्यक अनुमति देने का निर्देश दिया गया।

तदनुसार याचिका का निपटारा कर दिया गया।

केस टाइटल- मोहम्मद सादिक बनाम राजस्थान राज्य

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