कर्नाटक हाईकोर्ट ने NCLAT द्वारा दिवालियेपन के खिलाफ Byju द्वारा दायर याचिका का निपटारा किया
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को बायजू रवींद्रन द्वारा दायर याचिका का निपटारा किया। उक्त याचिका में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLAT) का आदेश निलंबित करने की मांग की गई थी, जिसमें उनकी मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (TLPL) को दिवालियापन समाधान प्रक्रिया में शामिल किया गया था।
जस्टिस एस आर कृष्ण कुमार की एकल न्यायाधीश पीठ ने मामले का निपटारा किया, जब उन्हें सूचित किया गया कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) द्वारा विशेष पीठ का गठन किया गया, जिसने आज मामले की सुनवाई की और बुधवार को आगे की सुनवाई जारी रहेगी। न्यायालय ने याचिकाकर्ता को अवसर आने पर याचिका को पुनर्जीवित करने की स्वतंत्रता दी।
NCLAT ने 16 जुलाई को थिंक एंड लर्न के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही शुरू की। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की ओर से 158 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान को लेकर दायर याचिका के बाद दिवालियापन की कार्यवाही शुरू हुई।
न्यायाधिकरण ने दिवालियापन प्रक्रिया के दौरान कंपनी के संचालन की देखरेख के लिए पंकज श्रीवास्तव को अंतरिम समाधान पेशेवर (IRP) नियुक्त किया। IRP की भूमिका में कंपनी के वित्तीय दायित्वों को संबोधित करने के लिए लेनदारों की समिति (COC) का गठन करना शामिल है।
एक बार COC स्थापित हो जाने के बाद कंपनी के ऋणों के लिए समाधान खोजने के लिए 330 दिनों तक का समय होगा संभावित रूप से कंपनी को खरीदने के लिए इच्छुक पक्षों से बोलियां आमंत्रित की जा सकती हैं। इस प्रक्रिया का प्राथमिक उद्देश्य बकाया राशि वसूल कर कंपनी को पुनर्जीवित करना है। यदि सीओसी खरीदार खोजने में विफल रहता है तो न्यायाधिकरण Byju के परिसमापन का आदेश दे सकता है।
केस टाइटल: बायजू रवींद्रन और थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड