कर्नाटक हाईकोर्ट ने हाल ही में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में कथित रूप से शामिल चार आरोपियों को जमानत दी।
जस्टिस एस विश्वजीत शेट्टी की एकल पीठ ने भरत कुराने, श्रीकांत पंगारकर, सुजीत कुमार और सुधन्वा गोंधलेकर को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों पर जमानत दी।
याचिकाकर्ताओं पर धारा 302, 120बी, 118, 203, 35 आईपीसी, भारतीय शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 25(1) और 27(1) तथा कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम, 2000 की धारा 3(1)(i), 3(2), 3(3) और 3(4) के तहत आरोप लगाए गए।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि इन आरोपियों के खिलाफ मृतक की हत्या करने के लिए अन्य आरोपियों के साथ साजिश रचने के आरोप भी हैं। यह कहा गया कि केस संख्या 5, 7, 11 और 17 में सह-आरोपी, जिनके खिलाफ आरोप पत्र में इसी तरह के आरोप पाए गए, उनको इस न्यायालय द्वारा उनकी लंबी कैद के आधार पर नियमित जमानत दी गई और सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश की पुष्टि की गई।
अभियोजन पक्ष ने जमानत याचिकाओं का विरोध किया। सह-आरोपी को जमानत देते समय न्यायालय ने समन्वय पीठ के आदेश पर भरोसा किया। इसने उल्लेख किया कि इस न्यायालय द्वारा आपराधिक प्रक्रिया संहिता संख्या 7963/2023 में पारित आदेश में अभियुक्त संख्या 11 को नियमित जमानत पर रिहा करने को राज्य और वास्तविक शिकायतकर्ता द्वारा असफल चुनौती दी गई।
इसने उल्लेख किया कि राज्य और शिकायतकर्ता द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिकाओं को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि अभियोजन पक्ष को अभी भी लगभग 100 आरोप-पत्र गवाहों की जांच करनी है। इसी पृष्ठभूमि में सुप्रीम कोर्ट ने इस न्यायालय द्वारा पारित आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार किया था।
इसके बाद इसने कहा कि इन परिस्थितियों में याचिकाकर्ताओं द्वारा नियमित जमानत दिए जाने की प्रार्थना, जो अभियुक्त संख्या 5, 7, 11 और 17 के साथ लगभग समान स्तर पर खड़े हैं, उसका सकारात्मक उत्तर दिया जाना आवश्यक है।
याचिका स्वीकार करते हुए न्यायालय ने उन्हें निर्देश दिया कि वे ट्रायल कोर्ट के समक्ष सुनवाई की सभी तिथियों पर नियमित रूप से उपस्थित हों, जब तक कि न्यायालय वैध कारणों से उनकी उपस्थिति को छूट न दे अभियोजन पक्ष के गवाहों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से धमकाएं या उनसे छेड़छाड़ न करें और बिना पूर्व अनुमति के ट्रायल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को न छोड़ें।
5 सितंबर, 2017 को पत्रकार और कार्यकर्ता गौरी लंकेश की दक्षिण बेंगलुरु में उनके आवास के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में 18 लोगों को गिरफ्तार किया। मामले में पहला आरोप पत्र 30 मई को नवीन कुमार के खिलाफ दायर किया गया। 23 नवंबर, 2018 को एसआईटी ने प्रिंसिपल सिविल और सेशन कोर्ट में 9,235 पन्नों का अतिरिक्त आरोप पत्र प्रस्तुत किया। दूसरे आरोप पत्र में हत्या में 18 लोगों को आरोपी बनाया गया।
केस टाइटल- भारत जयवंत कुराने और कर्नाटक राज्य