कर्नाटक हाईकोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर BJP MLA के खिलाफ दर्ज FIR खारिज की
कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार (12 दिसंबर) को कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए भाजपा विधायक बसंगौड़ा पाटिल यतनाल के खिलाफ दर्ज FIR खारिज की।
जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने आदेश सुनाते हुए कहा अनुमति दी गई। रद्द किया गया।
अदालत ने 28 नवंबर को पक्षों की सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
पाटिल ने अदालत को बताया कि उन्होंने गांधी द्वारा दिए गए कुछ बयानों पर केवल प्रतिक्रिया दी जब कांग्रेस सांसद विदेश गए। इसके अलावा उनके खिलाफ दर्ज FIR में कथित अपराधों का कोई तत्व नहीं बनता। अगर कांग्रेस नेता इतना दुखी हैं तो वह मानहानि की शिकायत दर्ज कर सकते हैं जिसका बचाव BJP नेता ने कहा कि वह करेंगे।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए एडवोकेट वेंकटेश दलवई ने तर्क दिया था कि गांधी ने विदेश में कुछ बयान दिए। मैंने उनके व्यवहार पर सवाल उठाया और FIR में अपराध के कोई तत्व नहीं पाए गए।
पाटिल पर BNS की धारा 192, 196, 353 (2) के तहत आरोप लगाए गए।
उन्होंने आगे तर्क दिया,
“यह सज्जन (राहुल गांधी) विदेश जाते हैं और बयान देते हैं वे विदेशों में अशांति पैदा करते हैं। उनकी मां एक इतालवी नागरिक हैं। क्या वे इस पर विवाद कर रहे हैं? क्या मैंने उसके चरित्र या आचरण के बारे में कुछ कहा, कुछ नहीं तो धार्मिक भावनाओं को भड़काने का सवाल ही कहां उठता है।”
अंत में उन्होंने कहा,
"वह एक राजनेता है जो बाहर जाकर भारत के खिलाफ बकवास बयान देता है मैं क्यों न जवाब दूं। अगर वह इतना दुखी है तो उसे मानहानि की शिकायत दर्ज करनी चाहिए। मैं उसका बचाव करूंगा।”
शिकायतकर्ता मनोहर एस के वकील संकेत येनागी ने कहा कि यह एक स्पष्ट मामला है, जिसमें जांच की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह बयान किसी आम नागरिक द्वारा नहीं दिया गया और याचिकाकर्ता का बयान महिला की गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है।
केस टाइटल: बसंगौड़ा पाटिल (यतनाल) और कर्नाटक राज्य