झारखंड हाईकोर्ट हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर ED से 10 जून तक जवाब मांगा

Update: 2024-05-28 05:16 GMT

झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नियमित जमानत की मांग करने वाली याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जवाब मांगा।

सोरेन ने अपनी याचिका में मामले पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया, जो जस्टिस रोंगोन मुखोपाध्याय की पीठ के समक्ष निर्धारित थी।

उन्होंने अदालत के समक्ष दलील दी कि उनका नाम बार्गेन सर्कल में 8.5 एकड़ जमीन से संबंधित किसी भी दस्तावेज में नहीं है। तर्क दिया कि उनके खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कोई अपराध नहीं बनता।

सोरेन ने दावा किया कि ED केवल उन व्यक्तियों के बयानों पर भरोसा कर रही है, जो दावा कर रहे हैं कि जमीन उनकी है, लेकिन "ऐसे बयानों के समर्थन में कोई दस्तावेज नहीं है।"

सोरेन द्वारा दायर नई जमानत याचिका में कहा गया कि ED के पास 8.5 एकड़ जमीन से संबंधित एक भी दस्तावेज नहीं है, जिसे उन्होंने हड़पने का आरोप लगाया। इसके अतिरिक्त, यह कहा गया कि झारखंड के सीएनटी (छोटा नागपुर किरायेदारी) अधिनियम के तहत भूमि किसी भी परिस्थिति में किसी को हस्तांतरित नहीं की जा सकती।

सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन से चार हफ्ते का वक्त मांगा।

हालांकि, जस्टिस मुखोपाध्याय ने दो सप्ताह का समय दिया और अगली सुनवाई 10 जून शाम 4 बजे तय की।

केस टाइटल: हेमंत सोरेन बनाम प्रवर्तन निदेशालय ने इसके सहायक निदेशक, रांची जोनल कार्यालय का प्रतिनिधित्व किया

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