झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पुलिस हिरासत में चाचा के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी

Update: 2024-05-04 05:36 GMT

झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अंतरिम जमानत याचिका खारिज की। हालांकि, हाईकोर्ट ने उन्हें अपने दिवंगत चाचा राजा राम सोरेन के अंतिम संस्कार समारोह में भाग लेने की अनुमति दी।

अपने आवेदन में सोरेन ने अपने चाचा के निधन के कारण धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA Act) की धारा 3 के तहत दर्ज ECIR मामले के संबंध में अनंतिम जमानत देने की प्रार्थना की, जिनका अंतिम संस्कार गोला के नेमरा गांव जिला रामगढ़ में होगा।

स्वर्गीय राजा राम सोरेन, पुत्र स्वर्गीय सोबरन सोरेन का अप्रैल 2024 के अंतिम सप्ताह में 02:30 बजे रांची के हिल व्यू हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में निधन हो गया था।

मामले की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस रोंगोन मुखोपाध्याय ने कहा,

“ऊपर उल्लिखित घोषणाओं और PMLA Act की धारा 45 की कड़ी शर्तों पर विचार करते समय अनंतिम जमानत देने पर विचार करने के लिए असाधारण परिस्थिति होनी चाहिए। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया, याचिकाकर्ता के चाचा का अंतिम संस्कार 06.05.2024 को किया जाना है। याचिका में यह बयान नहीं दिया गया कि याचिकाकर्ता के चाचा के अंतिम संस्कार के रूप में पारंपरिक दायित्वों को निभाने के लिए परिवार में कोई अन्य पुरुष सदस्य नहीं है। इस आवेदन में याचिकाकर्ता की प्रार्थना स्वीकार करने के लिए किसी भी असाधारण परिस्थिति पर प्रकाश नहीं डाला गया।''

जस्टिस मुखोपाध्याय ने कहा,

"इसलिए इस तरह के विचार पर मैं याचिकाकर्ता को अनंतिम जमानत देने के लिए इच्छुक नहीं हूं, जैसा कि प्रार्थना की गई। परिणामस्वरूप यह आवेदन खारिज कर दिया जाता है।"

अतहर परवेज़ बनाम राज्य [Crl के संदर्भ केस नंबर 1/2015] के मामले का जिक्र करते हुए में कोर्ट ने कहा कि यह अनिवार्य किया गया कि केवल जब बाध्यकारी कारण हों, जो अंतरिम जमानत देने को उचित ठहराते हों और इसकी आवश्यकता हो, तो आवेदन की अनुमति दी जानी चाहिए।

अदालत ने कहा,

“उसमें यह भी उल्लेख किया गया कि अंतरिम जमानत देने की जांच करते समय अदालत को इस बात पर विचार करना होगा कि क्या आरोपी/दोषी को पुलिस हिरासत में भेजना पर्याप्त होगा और अपराध की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए न्याय के उद्देश्यों को पूरा करेगा।“

हालांकि, न्यायालय ने उसी समय "अथर परवेज़ बनाम राज्य (सुप्रा)" के मामले में की गई टिप्पणी से प्रेरणा ली। कोर्ट ने सोरेन को पुलिस हिरासत के तहत 06.05.2024 को होने वाले अपने चाचा के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी, “इस शर्त के अधीन कि याचिकाकर्ता किसी भी सार्वजनिक भाषण में शामिल नहीं होगा और किसी के साथ कोई बातचीत नहीं करेगा।”

न्यायालय ने आदेश दिया कि प्रशासन निर्दिष्ट स्थल पर कानून और व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ इन शर्तों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करे।

इससे पहले सोरेन द्वारा ED द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका भी हाईकोर्ट खंडपीठ ने खारिज कर दी थी।

केस टाइटल: हेमंत सोरेन बनाम प्रवर्तन निदेशालय

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