आदेश की अवहेलना करने वाले पुलिस अधिकारी का गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा - "कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं"

Update: 2024-04-18 13:30 GMT

राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस फरजंद अली ने आपराधिक पुनरीक्षण के मामले में पारित आदेश की पालना नहीं करने और अवमानना का नोटिस मिलने पर भी पुलिस अधिकारी द्वारा आदेश की पालना की कोई इच्छा जाहिर नहीं करने पर कानून की सर्वोपरिता के बुनियादी सिद्धांत का उल्लेख करते हुए कठोर शब्दों में कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है और निश्चित रूप से कोई हो भी नहीं सकता, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली या प्रभावशाली क्यों न हो।

जस्टिस अली ने पुलिस अधिकारी का गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए आदेश में कहा कि किसी लोक सेवक को इस न्यायालय द्वारा पारित निर्देश का उल्लंघन करने या आदेश की जानबूझकर अवज्ञा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

मामले के तथ्यों के अनुसार हाईकोर्ट ने आपराधिक पुनरीक्षण याचिका 613/2023 आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए एनडीपीएस के मामले में मादक पदार्थ जब्त करने वाले पुलिस अधिकारी की मोबाइल टॉवर लोकेशन सम्बन्धित सेवा प्रदाता से प्राप्त कर विचारण न्यायालय के समक्ष पेश करने का आदेश दिया था। जिसका पुलिस अधिकारियों ने सम्मान नहीं किया और बाद में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के आदेश की भी अवहेलना की।

सुनवाई के दौरान पुलिस निरीक्षक की ओर से उपस्थित हुए अधिवक्ता ने स्पष्टीकरण दिया कि उन्हें आदेश की प्रति नहीं मिली थी। हाईकोर्ट ने अदालत में राज्य का प्रतिनिधित्व करने के लिए 20 से अधिक लोक अभियोजक के उपस्थित होने के बावजूद पुलिस अधिकारी द्वारा निजी अधिवक्ता के जरिए बिना हस्ताक्षर अथवा मुहर के स्पष्टीकरण पेश करने के तरीके पर आश्चर्य जताते हुए आदेश में कहा कि लोक अभियोजक के माध्यम से पुलिस अधिकारी को तलब करने का भी प्रयास किया गया है। जिन्होंने प्रस्तुत किया कि उन्हें पुलिस से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

लोक अभियोजक का कहना है कि इस न्यायालय द्वारा पारित पुराने आदेशों के संबंध में आवश्यक जानकारी संबंधित अधिकारी को नियत समय के भीतर सूचित कर दी गई थी। इस पर हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तारीख 23 अप्रेल को पुलिस निरीक्षक अशोक बिश्नोई को गिरफ्तारी वारंट से न्यायालय के समक्ष पेश करने का आदेश पारित किया। आदेश की पालना के लिए पुलिस महानिदेशक को भी सूचित करने निर्देश दिए गए।

केस टाइटल - कृष्ण लाल बनाम राजस्थान राज्य (एस.बी. आपराधिक विविध प्रार्थना-पत्र 120/2024)

रजाक खान हैदर, जोधपुर @ लाइव लॉ नेटवर्क

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