यूपीजीएसटी | गोदाम की तलाशी और जब्ती के परिणामस्वरूप अधिनियम की धारा 129 के तहत दंडात्मक कार्यवाही नहीं की जा सकती: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोहराया

Update: 2024-02-28 13:39 GMT

इलाहाबाद हार्हकोर्ट ने दोहराया कि उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 129 के तहत कार्यवाही में किसी करदाता के गोदाम की तलाशी और जब्ती को दंडित नहीं किया जा सकता है। अधिनियम की धारा 129 माल और वाहनों को हिरासत में लेने, जब्त करने और रिहा करने की प्रक्रिया प्रदान करती है, जिन्हें पारगमन में रोका गया है और क़ानून का उल्लंघन करते हुए पाया गया है।

याचिकाकर्ता-निर्धारिती के खिलाफ उसके परिसर में तलाशी और जब्ती अभियान के तहत अधिनियम की धारा 129(3) के तहत कार्यवाही शुरू की गई थी। धारा 129 के तहत जुर्माना आदेश पारित किया गया था जिसे प्रथम अपीलीय प्राधिकारी ने बरकरार रखा था। यूपी में जीएसटी ट्रिब्यूनल न होने के कारण याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

कोर्ट ने महावीर पॉलीप्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड बनाम यूपी राज्य और 2 अन्य पर भरोसा किया, जिसमें एक समन्वय पीठ ने माना थाख्‍

“अधिनियम की धारा 129(3) के प्रावधान को किसी गोदाम परिसर को तलाशी और जब्ती अभियान के अधीन करने के लिए लागू नहीं किया जा सकता है, इस बात को ध्यान में रखे बिना कि अधिनियम की धारा 67 के तहत कोई कार्रवाई नहीं की गई या विचार नहीं किया गया, क्योंकि इससे "विश्वास करने के कारणों" का अस्तित्व अनिवार्य हो जाता, ताकि उस परिसर की तलाशी ली जा सके और उसमें पाए जाने वाले सामान या दस्तावेजों को जब्त किया जा सके।

तदनुसार, न्यायालय ने अधिनियम की धारा 129 के तहत दंड आदेश के साथ-साथ प्रथम अपीलीय प्राधिकारी के आदेश को भी रद्द कर दिया।


केस टाइटलः एम/एस गोपी चंद बत्रा ट्रेडर्स बनाम यूपी राज्य और 2 अन्य [रिट टैक्स नंबर- 1632/2018]

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