जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने क्षेत्र में जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय से जवाब मांगा
जम्मू-कश्मीर एंड लद्दाख हाईकोर्ट ने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय को उस जनहित याचिका (पीआईएल) का जवाब देने का निर्देश दिया, जिसमें क्षेत्र में वस्तु एवं सेवा कर (GST) अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना का आग्रह किया गया।
जम्मू-कश्मीर में जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण की अनुपस्थिति के कारण वादियों के सामने आने वाली चुनौतियों को अदालत द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद जनहित याचिका दायर की गई।
चीफ जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह और जस्टिस एम ए चौधरी की खंडपीठ ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया और इसे जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड किया, विशेषज्ञ सहायता प्रदान करने के लिए सीनियर एडवोकेट आर ए जान को एमिक्स क्यूरी नियुक्त किया।
प्रासंगिक रूप से केंद्रीय वस्तु एवं सेवा अधिनियम की धारा 109 GST अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना का आदेश देती है, यह प्रावधान अभी तक जम्मू और कश्मीर में लागू नहीं हुआ है।
मामले की सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने याचिका में प्रतिवादी के रूप में वित्त मंत्रालय के सचिव के माध्यम से भारत सरकार को शामिल किया। भारत के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल (डीएसजीआई) शम्सी उपस्थित हुए और भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के सचिव की ओर से नोटिस स्वीकार किया।
कोर्ट ने डीएसजीआई को सुनवाई की अगली तारीख 11 मार्च, 2024 तक सरकार का जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
केस टाइटल: अदालत अपने स्वयं के प्रस्ताव पर बनाम जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश
ऑर्डर पढ़ने/डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें