दिल्ली हाईकोर्ट ने मई 2022 से दिल्ली वक्फ बोर्ड के इमामों, मुअज्जिनों के वेतन का भुगतान न करने के मुद्दे को हल करने के लिए बैठक बुलाई

Update: 2024-02-22 12:32 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के साथ पंजीकृत मस्जिदों के इमामों, मुअज्जिनों और मुफ्तियों को मई 2022 से वेतन का भुगतान न करने के मुद्दे को हल करने के लिए एक बैठक आयोजित करने का आदेश दिया है। जस्टिस सचिन दत्ता ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी या प्रशासक और दिल्ली सरकार के वित्त विभाग के प्रधान सचिव को एक बैठक बुलाने और वेतन भुगतान के संबंध में मुद्दे को हल करने का निर्देश दिया।

अदालत ने 19 फरवरी को पारित एक आदेश में कहा, "उम्मीद है कि अपेक्षित निर्णय शीघ्रता से लिया जाएगा ताकि आज से एक सप्ताह की अवधि के भीतर मामले को हल किया जा सके।"

जस्टिस दत्ता मई 2022 से बिना किसी कारण के वेतन का भुगतान न करने से व्यथित दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा नियुक्त विभिन्न पूर्णकालिक इमामों, मोअज्जिनों या मुफ्तियों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से पेश वकील ने अदालत को सूचित किया कि बोर्ड को "सहायता अनुदान" के तहत अपेक्षित धनराशि नहीं मिली है और याचिकाकर्ताओं को दिल्ली सरकार के वित्त विभाग से आवश्यक मंजूरी का भी इंतजार है।

याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया मई 2022 से याचिकाकर्ताओं का वेतन रोकने का कोई वैध औचित्य नहीं है। अदालत ने कहा, "इन परिस्थितियों में, दिल्ली वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी/प्रशासक और वित्त विभाग के प्रधान सचिव को एक बैठक बुलाने और याचिकाकर्ताओं को वेतन के भुगतान के संबंध में मुद्दे को हल करने का निर्देश दिया जाता है।"

अनुपालन रिपोर्ट के लिए मामले की सुनवाई अब 27 फरवरी को होगी।

केस टाइटलः असलम और अन्य बनाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार एवं अन्य।

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