2 महीने में सार्वजनिक स्थानों से 604 अनधिकृत धार्मिक संरचनाएं हटाई गईं: गुजरात सरकार ने हाईकोर्ट को बताया

Update: 2024-10-07 06:37 GMT

गुजरात सरकार ने पिछले सप्ताह हाईकोर्ट को सूचित किया कि जुलाई से सितंबर के बीच पार्कों और सड़कों जैसे सार्वजनिक स्थानों से 600 से अधिक अनधिकृत धार्मिक संरचनाएं हटाई गई।

चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस प्रणव त्रिवेदी की खंडपीठ ने इसके बाद 1 अक्टूबर के अपने आदेश में सरकार से सार्वजनिक सड़कों, सार्वजनिक भागों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं की पहचान और हटाने के संबंध में प्रगति रिपोर्ट रिकॉर्ड पर रखने को कहा।

न्यायालय राज्य में अनधिकृत निर्माण और अतिक्रमण से संबंधित 2006 की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में गृह विभाग के सचिव के हलफनामे में की गई प्रस्तुतियों को ध्यान में रखा जो न्यायालय के 22 जुलाई के आदेश के मद्देनजर था, जिसमें 2006 की विशेष अनुमति याचिका (SLP) में जारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में हुई प्रगति को दर्शाया गया था।

आदेश में कहा गया,

"यह कहा गया कि अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं की पहचान के लिए कदम उठाए गए। वास्तविक जमीनी हकीकत, ऐसी संरचनाओं के कारण होने वाली सार्वजनिक बाधा की मात्रा और 01.07.2024 से 10.09.2024 तक की अवधि के दौरान ऐसे अनधिकृत धार्मिक ढांचे द्वारा कवर किए गए क्षेत्र के आधार पर प्राथमिकता के आधार पर ऐसी संरचनाओं को हटाने के लिए कार्रवाई की गई। लगभग दो महीने में कुल 604 धार्मिक संरचनाएं हटा दी गई, जिनमें से 318 जिला क्षेत्रों में और 286 नगर निगम क्षेत्रों में थीं।”

अदालत को बताया गया कि 87 धार्मिक संरचनाओं को ट्रांसफर कर दिया गया। 6 संरचनाओं को सार्वजनिक सड़कों सार्वजनिक पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से नियमित कर दिया गया।

इसके बाद न्यायालय ने कहा,

"उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए हम इस मामले को 03.12.2024 को दोपहर 01:00 बजे पोस्ट करते हैं, जिससे सार्वजनिक सड़कों, सार्वजनिक भागों और अन्य सार्वजनिक स्थानों से अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं की पहचान और उन्हें हटाने के बारे में प्रगति रिपोर्ट हमारे सामने लाई जा सके। राज्य सरकार के गृह विभाग के सचिव का व्यक्तिगत हलफनामा इस आदेश के अनुपालन में अगली निर्धारित तिथि पर दायर किया जाएगा।”

केस टाइटल: द टाइम्स ऑफ इंडिया (स्वतः संज्ञान) बनाम गुजरात राज्य और अन्य।

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