गुजरात हाईकोर्ट ने 13 साल की रेप पीड़िता की 33 हफ्ते की प्रेग्नेंसी को टर्मिनेट करने की दी इजाजत

Update: 2025-05-13 05:56 GMT

गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार (12 मई) को 13 वर्षीय नाबालिग रेप पीड़िता की 33 हफ्ते की प्रेग्नेंसी को टर्मिनेट करने की अनुमति दी। कोर्ट ने कहा कि लड़की के सामने अभी लंबा जीवन है और उसकी सेहत को ध्यान में रखते हुए यह फैसला जरूरी है।

राजकोट स्थित पीडीयू जनरल अस्पताल के एक्सपर्ट डॉक्टरों की रिपोर्ट पर विचार करते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार (12 मई) को 13 वर्षीय नाबालिग रेप पीड़िता की 33 सप्ताह की प्रेग्नेंसी को टर्मिनेट करने की अनुमति दी।

जस्टिस निरज़ार एस देसाई ने यह आदेश पारित करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि माता-पिता की स्पष्ट सहमति लेने के बाद जल्द से जल्द प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन की प्रक्रिया करवाई जाए।

इससे पहले कोर्ट ने डॉक्टरों की एक एक्सपर्ट टीम जिसमें स्त्रीरोग एक्सपर्ट, डॉक्टर, मनोरोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ और रेडियोलॉजिस्ट शामिल थे, उनको नाबालिग का मेडिकल टेस्ट कर रिपोर्ट पेश करने को कहा था। रिपोर्ट में कहा गया कि पीड़िता को एनीमिया की समस्या है, जिसे सुधारने के बाद गर्भपात संभव है। हालांकि इसमें कार्डियोरेस्पिरेटरी जोखिम उच्च स्तर का रहेगा।

जस्टिस देसाई ने आदेश में कहा,

“मैंने इस तथ्य पर विचार किया कि पीड़िता मात्र 13 वर्ष की है और उसका भविष्य लंबा है। रिपोर्ट के अनुसार अबॉर्शन संभव है। ऐसे में न्याय के हित में यही होगा कि पीड़िता के माता-पिता या अभिभावकों को जोखिम की पूरी जानकारी उनकी भाषा में दी जाए और उनकी लिखित सहमति ली जाए।”

उन्होंने आगे कहा कि पीड़िता की उम्र को ध्यान में रखते हुए अबॉर्शन की प्रक्रिया पूरी सावधानी के साथ की जाए और अस्पताल में आवश्यक सभी मेडिकल सुविधाओं, जैसे ब्लड की उपलब्धता, आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम की उपस्थिति में ही प्रक्रिया की जाए और यदि संभव हो तो आज ही प्रक्रिया पूरी की जाए।

कोर्ट ने राज्य के वकील को निर्देश दिया कि वह पीडीयू जनरल अस्पताल के प्रभारी मेडिकल अधिकारी और अधीक्षक को इस आदेश की जानकारी दें और जरूरी औपचारिकताएं पूरी करें। साथ ही याचिकाकर्ता के वकील को निर्देश दिया गया कि वे पीड़िता के माता-पिता/अभिभावकों को अस्पताल पहुंचने के लिए कहें ताकि जल्द से जल्द कार्यवाही की जा सके।

केस टाइटल: एबीसी बनाम गुजरात राज्य और अन्य

Tags:    

Similar News