गुजरात हाईकोर्ट ने इस्कॉन मंदिर में अवैध कस्टडी के आरोप पर नोटिस जारी किया
गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार (24 दिसंबर) को राज्य को हेबियस कॉर्पस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें एक व्यक्ति ने दावा किया कि उसकी बेटी को कुछ लोगों ने अवैध रूप से हिरासत में रखा है, जो कथित तौर पर अहमदाबाद के इस्कॉन मंदिर में रहते थे।
जस्टिस संगीता के विशेन और जस्टिस संजीव जे ठाकर की खंडपीठ ने अपने आदेश में पिता की 10 जुलाई की पुलिस शिकायत में किए गए कथनों पर ध्यान दिया।
इसके बाद न्यायालय ने कहा,
"प्रस्तुतियों पर विचार किया गया। प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया गया, जो 09.01.2025 तक जवाबदेह होगा, जिसे संबंधित पुलिस स्टेशन के माध्यम से तामील किया जाएगा।"
याचिका में दावा किया गया कि याचिकाकर्ता की बेटी 27 जून को अपने पिता के घर से 23 तोला सोने के गहने और 3,62,000 रुपये नकद लेकर चली गई। परिवार ने पड़ोसी घरों में उसके बारे में पूछताछ की लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उसे पता चला कि प्रतिवादी नंबर 4 ने सात अन्य निजी प्रतिवादियों (प्रतिवादी नंबर 5 से 11) के साथ मिलीभगत करके और उनकी मदद करके धन हड़प लिया है।
याचिका में कहा गया,
"वर्तमान याचिकाकर्ता द्वारा विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत किया गया कि वर्तमान याचिकाकर्ता के संज्ञान में यह बात आई कि निजी प्रतिवादी नंबर 5 से 11 जो आम तौर पर अहमदाबाद के एस.जी. हाईवे पर स्थित विश्व प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर में रहते हैं और सेवादान श्रम देते हैं।"
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि 5-6 महीने बीत चुके हैं, लेकिन उसे शव के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई। पुलिस ने उसकी बेटी को खोजने के लिए कोई उचित कार्रवाई नहीं की। इसी के मद्देनजर याचिकाकर्ता ने प्रार्थना की कि हाईकोर्ट पुलिस को याचिकाकर्ता की बेटी को उसके समक्ष पेश करने का निर्देश दे।
मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी, 2025 को होगी।
केस टाइटल: शेल्सिंग जयसिंह राजपुरोहित बनाम गुजरात राज्य और अन्य