आसाराम की याचिका पर गुजरात हाईकोर्ट का नोटिस: सस्पेंडेड सज़ा के दौरान पुलिस निगरानी की शर्त में ढील देने की मांग

Update: 2025-11-25 06:53 GMT

गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम की उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें रेप केस में उनकी उम्रकैद की सज़ा 6 महीने के लिए सस्पेंड होने के दौरान उनके आस-पास तीन पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी की शर्त में बदलाव/हटाने की मांग की गई।

बता दें, 6 नवंबर को हाईकोर्ट ने आसाराम को छह महीने के लिए सज़ा सस्पेंड कर दी थी।

आसाराम को गांधीनगर की एक सेशंस कोर्ट ने 2013 के रेप केस में दोषी ठहराया था और वह उम्रकैद की सज़ा काट रहे हैं। उन्हें रिहा करते समय एक शर्त यह लगाई गई कि वह अपने फॉलोअर्स से ग्रुप में नहीं मिलेंगे और उनके आस-पास तीन पुलिस अधिकारी सुरक्षाकर्मी के तौर पर मौजूद रहेंगे।

जस्टिस इलेश जे वोरा और जस्टिस आरटी वच्छानी की डिवीजन बेंच ने अपने आदेश में कहा,

"नोटिस 01.12.2025 को वापस करने योग्य है। सरकारी वकील ने प्रतिवादी-राज्य के लिए नोटिस की तामील माफ कर दी।"

21 नवंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य को नोटिस जारी करते हुए वकील से मौखिक रूप से कहा,

"जहां तक पुलिस अधिकारियों की चौबीसों घंटे मौजूदगी की बात है, क्या यह ज़रूरी होगा या नहीं आप इस पर सोचें।"

राज्य के वकील ने कहा,

"हां, माई लॉर्ड नोटिस जारी कर सकते हैं।"

हाईकोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में सज़ा सस्पेंड कर दी थी और निर्देश दिया था कि आसाराम को मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए यह देखते हुए कि पिछले महीने राजस्थान हाई कोर्ट ने आसाराम की मेडिकल स्थिति को देखते हुए उनकी सज़ा सस्पेंड कर दी थी।

इससे पहले हाईकोर्ट ने राज्य से आसाराम की मेडिकल स्थिति पर जवाब देने को कहा था। आसाराम के वकील ने पहले हाई कोर्ट को बताया था कि एक और रेप केस में आवेदक द्वारा दायर एक अलग जमानत याचिका पर राजस्थान हाई कोर्ट में 29 अक्टूबर को सुनवाई होने वाली है।

गौरतलब है कि पिछले महीने राजस्थान हाई कोर्ट ने आसाराम को छह महीने के लिए सज़ा सस्पेंड कर दी थी और उनकी मेडिकल स्थिति को देखते हुए उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया था यह देखते हुए कि वह वेजिटेटिव स्थिति में थे और जेल में ज़रूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं। जानकारी के लिए बता दें कि जोधपुर सेशन कोर्ट ने अप्रैल 2018 में आसाराम को 2013 में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से रेप के मामले में उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी।

यह मामला अब 1 दिसंबर को लिस्टेड है।

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